
इज्ज़त सिर्फ उन लोगो की मत करो जो आपसे उमर में बड़े हो बल्कि इज्ज़त उन लोगो की करो जो सच में उसके लायक है फिर चाहे वो आपसे बड़े हो या छोटे
बुधवार, 19 दिसंबर 2018
मंगलवार, 11 दिसंबर 2018
Mohd javed writing
सोमवार, 10 दिसंबर 2018
मानव अधिकार दिवस 2018
नव को जन्म लेते ही प्राप्त होता है उसे हम मानव अधिकार कहते है. दुसरे शब्दों में एसे अधिकार जो प्रतेक व्यक्ति को मानव होने के नाते प्राप्त होते है उसे हम मानव अधिकार कहते है. जैसे;
भोजन, वस्त्र, आवास आदि. मनवा अधिकार में आमलोगों को बेहतर और सुरक्षित जीवन के लिए कुछ मुलभुत अधिकार दिए गए है. पुलिसकर्मी आपने कर्तव्य के कर्म में प्रायः एसी गलतिय कर बैठते है जिससे लोगो के मानवाधिकार का हनन हो जाता
मानवाधिकार की जरुरत क्या है.
1, शारीरिक स्वतंत्रता के लिए.
2, गिरफ्तारी व अन्य वेवजह रोककर रखने के प्रविर्ती में मुक्ति के लिए.
3, मनुष्य के आत्म सम्मान को बचाकर रखने के लिए.
4,न्याय की रक्षा के लिए.
5, मनुष्य के मौलिक अधिकारों को बचके रखने के लिए.
6,जीवन स्तर को उच्च बनाने के लिए.
7,अधिकारों के अतिकर्मन को रोकने के लिए.
8,रास्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय गौरव एवं शांति बनाने के लिए,
9,मानव के सर्वागीण विकाश के लिए,
मानवाधिकार को बचाए रखने के लिए पुलिस को को क्या नहीं करना चाहिए?(To protect human right police personals should not do)
गिरफ्तारी के समय 🙁at the time of arrest)
(i).अनावश्यक बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
(ii).गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त तथा उसके परिवारजनों के साथ गली गलौज नहीं करना चाहिए.
(iii).मारपीट व अन्य अमन्नीय व्यवहार नहीं करना चाहिए.
(iv).गलत गिरफ्तारी नहीं करना चाहिए.
(v).अनावश्यक रोक कर नहीं रखना चाहिए.
(vi).गिरफ्तार व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुचने का प्रयास नहीं करना चाहिए.
(vii).व्यक्तिगत फायदे के लिए गिरफ्तार व्यक्ति के विरुद्ध अनावश्यक करवाई नहीं करनी चाहिए.
#तलाशी_के_समय While search)
(i).तलाशी के समय स्थान के मालिक या व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चैये.
(ii).सामान्य स्तिथियों में रात्रि कल में तलाशी नहीं लेना चाहिए.
(iii).किसी भी जगह अनधिकृत प्रवेश नहीं करना चाहिए.
(iv).महिला एवं बच्चो के साथ दुर्व्वाहर नहीं करना चाहिए.
(v).किसी भी संदिग्ध या वांछित वास्तु के आलावा उस जगह की अन्य वस्तुओ के साथ छेड़ छड या उठाने की कोसिस नहीं करना चाहिए.- जप्ती सूचि में दर्ज किये वैगर सामग्रियों को नहीं उठाना चाहिए.
#गिरफ्तारी_एवं_तलाशी_के_दौरान_पुलिस_को_क्या_करना_चाहिए(to protect human right police should do following while search and arrest)
गिरफ्तारी के दौरान:
(i).गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को गिरफ्तारी का कारन बताना चाहिए.
(ii).उसको जमानत सम्बन्धी सुचना देना चाहिए.
(iii).गिरफ्तारी के बाद अपराधी का डाक्टरी जाँच करना चाहिए.
(iv).24 घंटे के अन्दर गिरफ्तार व्यक्ति को न्यायलय में पेश करना चाहिए.
(v).महिला, बच्चो, बीमार तथा वृद्ध व्यक्तियों का ध्यान रखना चाहिए.
(vi).गिरफ्तारी एवं विरोध के सम्बन्ध में अन्य कानूनी प्रावधानों का पालन करना चाहिये.
(vii).न्यायालयों द्वारा जरी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए.
तलाशी के दौरान:
(i).कानूनी प्रावधानों का पालन करना चाहिए.
(ii).तलाशी के समय मकान मालिक को तलाशी का कारण बताना चाहिए.
(iii).जप्त किये गए सामानों की सही सही सूचि बनाकर उसकी एक प्रति मकान मालिक को देनी चाहिए.
(iv).घर या बंद स्थान की तलाशी के क्रम में किसी महिला की तलाशी महिला पुलिस या दूसरी महिला के द्वारा ही होनी चाहिए
(v).अन्य स्तिथि में महिला की शालीनता का पूर्ण ख्याल करना चाहिए.
#क्या_नहीं_करना_चाहिए;(to protect human right police should avoid following while search and arrest)
(i).आम आदमी के साथ अभद्रता का व्यवहार नहीं करना चाहिए.
(ii).गिरफ्तारी के समय अनावश्यक बल प्रयोग नहीं करना चाहिए.
(iii).गिरफ्तारी के समय आपराधि एवं उसके परिवार के लोगो के साथ गली गलौज नहीं करना चाहिए.
(iv).गलत आदमी को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए..
(v).गिरफ्तार व्यक्ति का प्रतिष्ठा का ठेस नहीं पहुचना चाहिए.
(vi).व्यक्तिगत दुश्मनी या किसी स्वार्थ की पूर्ति के लिए किसी को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए.
(vii).पद या वर्दी का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए.
(viii).सामान्य स्तिथि में रात्रि कल में तलाशी नहीं लेना चाहिए.
(ix).किसी जगह में अनाधिकार प्रवेश नहीं करना चाहिए.
(x).किसी व्यक्ति को लाकअप में हथकड़ी नहीं लगनी चाहिये.
शनिवार, 1 दिसंबर 2018
भारत का मुसलमान
सोमवार, 26 नवंबर 2018
रविवार, 11 नवंबर 2018
शनिवार, 10 नवंबर 2018
लोक अदालत

शुक्रवार, 9 नवंबर 2018
बुधवार, 7 नवंबर 2018
मंगलवार, 6 नवंबर 2018
रविवार, 4 नवंबर 2018
Aala Hazrat fazile Barelvi رضي الله عنه ke bare kuch jankari
बुधवार, 31 अक्टूबर 2018
Mohd javed swimmer thought
मसलक ऐ आला हज़रत का रास्ता

आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा फ़ाज़िले बरेलवी का बचपन

मंगलवार, 30 अक्टूबर 2018
दरगाह_शरीफ ☆हुजूर ताजुश्शरिया अल्लामा मुफ्ती मुहम्मद अख्तर रज़ा खान फ़ाज़िले बरेलवी رضي الله عنه
रविवार, 28 अक्टूबर 2018
आज का दौर
नफरत की गहरी आग मे जलने लगे हैं लोग
किस पर करें यकीन बता तेरे शहर मे
गिरगिट की तरह रंग बदलने लगे हैं लोग!!
बुधवार, 24 अक्टूबर 2018
सोमवार, 22 अक्टूबर 2018
शनिवार, 20 अक्टूबर 2018
गुरुवार, 11 अक्टूबर 2018
Arbi English with Javed

शनिवार, 22 सितंबर 2018
इल्म हासिल करो इल्म हासिल करो
मंगलवार, 21 अगस्त 2018
विकलांग प्रमाण पत्र
*****
विकलांग प्रमाण पत्र स्वास्थ्य निगम द्वारा उन लोगों को जारी किया जाता है, जो कि जन्म से या फिर अपने जीवनकाल में किसी कारणवश अपाहिज होते है, और जो कि विकलांगता के प्रकार एवं प्रतिशत पर निर्भर करता है। विकलांग प्रमाण पत्र शैक्षिक संस्थानों में, रोजगार तथा अन्य सरकारी कल्याण योजनाओं के लिये जारी किया जाता है।
{योग्यता की शर्ते}
कोई भी विकलांग व्यक्ति विकलांग प्रमाण पत्र के लिये योग्य है।
{प्रक्रिया}
आवेदन करने के लिये आवेदक को नियत फार्म को पूरा कर तथा बताये गये सारे दस्तावेज के साथ आवेदन करना होता है। इसके बाद आवेदक की जांच स्वास्थ्य निगम द्वारा की जाती है तथा उसकी विकलांगता तथा विकलांगता का प्रतिशत पूर्व निर्धारित नियमों के आधार पर तय किया जाता है।
{आवश्यक दस्तावेज}
1. राशन कार्ड की प्रतिलिपि 2. वोटर आईडी0 कार्ड 3. शपथ पत्र (यदि आवेदक किसी बीमा के लिये दावा करता है। 4. चार फोटोग्राफ 5. जाति प्रमाण पत्र (शुल्क रियायत के लिये)
अनुसूचित जाति प्रमाण
*****
{अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त करना}
कानून द्वारा यथा पारिभाषित अनुसूचित जनजाति
अनुसूचित जनजाति भारत के विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में पायी जाती है। स्वतंत्रता के पहले की अवधि में संविधान के अधीन सभी जनजातियों को ''अनुसूचित जनजाति'' के रूप में समूहबद्ध किया गया था। अनुसूचित जनजाति के रूप में विनिर्दिष्ट करने के लिए अपनाए गए मानदंडों में निम्नलिखित शामिल हैं: निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पारम्परिक रूप से निवास करना। विशिष्ट संस्कृति जिसमें जनजातिय जीवन के सभी पहलू अर्थात भाषा, रीति रिवाज, परम्परा, धर्म और अस्था, कला और शिल्प आदि शामिल हैं। आदिकालीन विशेषताएं जो व्यावसायिक तरीके, अर्थव्यवस्था आदि को दर्शाता है। शैक्षिक और प्रौद्योगिकीय आर्थिक विकास का अभाव। राज्य विशेष/संघ राज्य क्षेत्र विशेष संबंधी अनुसूचित जनजाति का विनिर्देशन संबंधित राज्य सरकार के साथ किया गया। इन आदेशों को बात में परिवर्तित किया जा सकता है यह संसद के अधिनियम द्वारा किया जाता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अनुसार संबंधित राज्य सरकार के साथ परामर्श करने के पश्चात राष्ट्रपति में अब तक 9 आदेश लागू किए हैं जिनमें संबंधित राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों के संबंध में अनुसूचित जाति को विनिर्दिष्ट किया गया है।
{जनजाति प्रमाण पत्र क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों होती है?}
भारतीय संविधान में उल्लिखित विनिर्देशन के अनुसार जनजाति प्रमाण पत्र किसी के अनुसूचित जनजाति होने का प्रमाण है। सरकार ने अनुभव किया कि बाकी नागरिकों की तरह समान गति से उन्नति करने के लिए अनुसूचित जनजातियों को विशेष प्रोत्साहन और अवसरों की आवश्यकता है। इसके परिणाम स्वरूप, रक्षात्मक भेदभाव की भारतीय प्रणाली के भाग के रूप में इन श्रेणी के नागरिकों के विशेष लाभ की गारंटी दी गई है, जैसा कि विधायिका में और सरकारी सेवा में सीटों का आरक्षण स्कूलों और कॉलेजों में दाखिला के लिए कुछ अंश पूरे शुल्क की छूट, शैक्षिक संस्थाओं में कोटा, कुछ नौकरियों आदि के लिए आवेदन करने के लिय ऊपरी आयु सीमा में छूट देना। इन लाभों को लेने में समर्थ होने के लिए अनुसूचित जनजाति के नागरिक के पास वैध जनजाति प्रमाण पत्र का होना जरूरी है।
{जनजाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कैसे करें}
राष्ट्रपति के अधिसूचित आदेशों में सूचीबद्ध जनजाति के लोग जनजाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। कुछ राज्यों में जनजातीय विकास विभाग कुछ ऑनलाइन सुविधाएं मुहैया कराते हैं जैसा कि संबंधित आवेदन प्रपत्र को डाउनलोड करना, जनजातीय कल्याण योजना का ब्यौरा आदि अपने वेबसाइट कराते हैं।
जाति प्रमाण पत्र
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{पिछड़ी जाति के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त करना}
जाति प्रमाण पत्र क्या करता है और इसकी आवश्यकता क्यों होती है?
जाति प्रमाण पत्र किसी के जाति विशेष के होने का प्रमाण है विशेष कर ऐसे मामले में जब कोई पिछड़ी जाति के लिए जाति का हो जैसा कि भारतीय संविधान में विनिर्दिष्ट है। सरकार ने अनुभव किया कि बाकी नागरिकों की तरह ही समान गति से उन्नति करने के लिए पिछड़ी जाति को विशेष प्रोत्साहन और अवसरों की आवश्यकता है। इसके परिणाम स्वरूप, रक्षात्मक भेदभाव की भारतीय प्रणाली के एक भाग के रूप में इस श्रेणी के नागरिकों को कुछ लाभ दिया जाता है, जैसा कि विधायिका और सरकारी सेवाओं में सीटों का आरक्षण, स्कूलों और कॉलेजों में दाखिला के लिए कुछ या पूरे शुल्क की छूट देना, शैक्षिक संस्थाओं में कोटा, कुछ नौकरियों में आवेदन करने के लिए ऊपरी आयु सीमा की छूट आदि। इन लाभों को प्राप्त करने में समर्थ होने के लिए पिछड़ी जाति के व्यक्ति के पास वैध जाति प्रमाण पत्र होना जरूरी है।
{कानूनी ढांचा}
भारतीय संविधान के अधिनियम १९९४ की अनुसूची के अनुसरन में पिछड़ी जाति की सांविधिक सूची अधिसूचित की गई। इन सूचियों को समय समय पर परिवर्तित। संशोधन/सम्पूरक किया गया। राज्यों के पुनसंगठन पर पिछड़ी जाति सूची (परिवर्तन) अधिनियम १९९४ (यथा संशोधित) की अनुसूची २ से प्रवृत्त हुआ। इसलिए पिछड़ी जाति की सूची के संबंध में कुछ अन्य आदेश व्यष्टि राज्यों में प्रवृत्त हुए।
{जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आपको क्या करने की आवश्यकता है?}
आवेदन प्रपत्र ऑनलाइन या शहर/नगर/गांव में स्थानीय संबंधित कार्यालय में उपलब्ध होता है, जो सामान्यता एसडीएम का कार्यालय (सब डिविज़नल मजिस्ट्रेट) या तहसील या राजस्व विभाग होता है। यदि आपके परिवार के किसी भी सदस्य को पहले जाति प्रमाण पत्र जारी करने के पहले स्थानीय पूछताछ की जाती है। न्यूनतम निर्दिष्ट अवधि तक आपके अपने राज्य में निवास का प्रमाणप एक वचन पत्र जिसमें यह उल्लेख हो कि आप पिछड़ी जाति के हैं और आवेदन के समय विशिष्ठ अदालती स्टैम्प शुल्क अपेक्षित होते हैं।
निवास प्रमाण पत्र
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{निवास स्थान प्रमाण पत्र क्या है इसकी आवश्यकता क्यों है?}
निवास स्थान/निवास प्रमाण पत्र साधारणत: यह साबित करने के लिए जारी किया जाता है कि प्रमाण पत्र धारण करने वाला व्यक्ति उस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का निवासी है जिसके द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। इस प्रमाण पत्र की आवश्यकता निवास के प्रमाणप के रूप में होती है जिससे कि शैक्षिक संस्थानों और सरकारी सेवाओं में निवास स्थान/निवास का कोटा लिए जा सकते हैं और नौकरी के मामले में भी जहां स्थानीय निवासियों को वारीयता दी जाती है।
{निवास स्थान प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आपको क्या करने की आवश्यकता है ?}
निर्धारित आवेदन पत्र या तो ऑनलाइन उपलब्घ होते हैं या स्थानीय प्राधिकारियों से अर्थात सब डिविजनल मजिस्ट्रेट/तहसीलदार का कार्यालय/राजस्व विभाग/जिला कलेक्टर का कार्यालय या अन्य प्राधिकारी जैसा कि आपके निवास के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा विनिर्दिष्ट है। आपको निर्धारित न्यूनतम अवधि के लिए लगातार राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में निवास करने का प्रमाण देने की आवश्यकता होगी या राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में भूमि रखने का यह संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के नियमों पर निर्भर करता है। अपनी पहचान प्रमाणित करने के लिए दस्तावेज, आवश्यकता प्राधिकारी के अधिकारी द्वारा फॉर्म को अनुप्रमाणीकरण, स्कूल प्रमाण पत्र और तहसील की पूछताछ रिपोर्ट की भी आवश्यकता हो सकती है। महिलाएं, जो राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में मूलरूप से रहती हैं परन्तु ऐसे पुरूषों से विवाह करती हैं जो स्थायी रूप से राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में निवास करते हैं, जो राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के निवास स्थान प्रमाण पत्र के पात्र है, वे निवास स्थान प्रमाण पत्र के लिए पात्र है।
••टिप्पणी:
निवास स्थान प्रमाण पत्र केवल एक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में बनाए जा सकते हैं। एक से अधिक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र से निवासस्थान प्रमाण पत्र प्राप्त करना एक अपराध हैं।
मृत्यु प्रमाण पत्र
प्राप्त करना
मृत्यु प्रमाण पत्र क्या है इसकी आवश्यकता क्यों होती है?}
मृत्यु प्रमाण पत्र एक दस्तावेज होता है जिसे मृत व्यक्ति के निकटतम रिश्तेदारों को जारी किया जाता है, जिसमें मृत्यु का तारीक तथ्य और मृत्यु के कारण का विवरण होता है। मृत्यु का समय और तारीख का प्रमाण देने, व्यष्टि को सामाजिक, न्यायिक और सरकारी बाध्यताओं से मुक्त करने के लिए, मृत्यु के तथ्य को प्रमाणित करने के लिए सम्पत्ति संबंधी धरोहर के विवादों को निपटान करने के लिए और परिवार को बीमा एवं अन्य लाभ जमा करने के लिए प्राधिकृत करने के लिए मृत्यु का पंजीकरण करना अनिवार्य है।
{कानूनी ढांचा}
भारत में कानून के अधीन (जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के अनुसार) प्रत्येक मृत्यु का इसके होने के 21 दिनों के भीतर संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में पंजीकरण करना अनिवार्य है। तदनुसार सरकार ने केन्द्र में महापंजीयक, भारत के पास और राज्यों में मुख्य पंजीयकों के पास गांवों में जिला पंजीयकों द्वारा चलाने जाने वाले और नगरों के पंजीयक परिसर में मृत्यु का पंजीकरण करने के लिए सुपारिभाषित प्रणाली की व्यवस्था की है
{आपको मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है}
मृत्यु की रिपोर्ट या इसका पंजीकरण परिवार के मुख्या के द्वारा किया जा सकता है यदि यह घर पर होती है; यदि यह अस्पताल में होती है तो चिकित्सा प्रभारी द्वारा, यदि यह जेल में होती है तो जेल प्रभारी के द्वारा यदि शव लावरिश पड़ा हो तो ग्राम के मुख्या या स्थानीय स्थान प्रभारी द्वारा किया जाता है।मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए आपको पहले मृत्यु का पंजीकरण करना है। मृत्यु का पंजीकरण संबंधित प्राधिकारी के पास इसके होने के 21 दिनों के भीतर पंजीयक द्वारा निर्धारित प्रपत्र भर करके किया जाना है। तब उचित सत्यापन के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।यदि मृत्यु होने के 21 दिन के भीतर इसका पंजीकरण नहीं किया जाता है तो पंजीयक/क्षेत्र मजिस्ट्रेट से निर्धारित शुल्क के साथ यदि विलम्ब पंजीकरण है तो अनुमति अपेक्षित है।जिस आवेदन प्रपत्र में आपको आवेदन करने की आवश्यकता है वह साधारणत: क्षेत्र के स्थानीय निकाय प्राधिकारिणों या पंजीयक के पास उपलब्ध होता है जो मृत्यु के रजिस्टर का रखरखाव करता है। आपको मृत व्यक्ति के जन्म का प्रमाण एक वचनपत्र जिसमें मृत्यु का समय और तारीख विनिर्दिष्ट हो, राशन कार्ड की एक प्रति और न्यायालयीन स्टैम्प के रूप में अपेक्षित शुल्क भी जमा करने की आवश्यकता हो सकती है
जन्म प्रमाण पत्र
प्राप्त करना जन्म प्रमाण पत्र क्या करता है और यह क्यों अनिवार्य है? जन्म प्रमाण पत्र बहुत ही महत्वपूर्ण पहचान का दस्तावेज हैं इससे किसी के लिए भी इसके होने से भारत सरकार द्वारा इसके नागरिकों को प्रदान की जाने वाली बहुत सारी सेवाओं का लाभ उठा सकता है। जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य हो जाता है चूंकि यह सभी प्रयोजनों के लिए किसी के जन्म की तारीख और तथ्य को प्रमाणित करता है जैसे मत देने का अधिकार प्राप्त करना, स्कूलों और सरकारी सेवाओं में दाखिला, कानूनी रूप से अनुमत आयु के विवाह करने का दावा करना, वंशगत और सम्पत्ति के अधिकारों का निपटान, संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ब्यौरेवार प्रक्रिया जानने हेतु मेनु से राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र चुनें। और सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले पहचान के दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट। {कानूनी ढांचा} भारत में कानून के अधीन यह अनिवाय है (जन्म और मृत्यु अधिनियम, 1969 के पंजीकरण के अनुसार) कि प्रत्येक जन्म/मृत प्रसव का पंजीकरण संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकार में होने के 21 दिन अंदर किया जाए। तदनुसार सरकार ने केन्द्र में यहा पंजीयक के पास पंजीकरण के लिए और राज्यों में मुख्य पंजीयक, और गांवों में जिला पंजीयकों द्वारा एवं नगर में परिसर में पंजीकरण के लिए सुपारिभाषित प्रणाली की व्यवस्था की है। {आप को क्या करने की आवश्यकता है?} जन्म प्रमाणप पत्र के लिए ओवदन करने के लिए आप पहले जन्म का पंजीकरण करें। पंजीयक द्वारा निर्धारित प्रपत्र भरकर जन्म होने के 21 दिन के भीतर संबंधित स्थानीय प्राधिकारी के पास जन्म का पंजीकरण किया जाना है। संबंधित अस्पताल के वास्तविक रिकार्ड का सत्यापन करने के बाद जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।यदि इसके होने के निर्धारित समय के भीतर जन्म पंजीकृत नहीं किया गया है तो राजस्व प्राधिकारी द्वारा दिए गए आदेश से पुलिस द्वारा विधिवत सत्यापन करने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
बुधवार, 1 अगस्त 2018
न्यायालयों की शक्ति

मंगलवार, 31 जुलाई 2018
औरत का मर्तबा इस्लाम में क्या है

सोमवार, 30 जुलाई 2018
शरीयत और तरीकत
गुरुवार, 26 जुलाई 2018
कौन है (तजुशशरिया) हुज़ूर अज़हरी मियां??
जानिए कौन हैं ताजुश्शरिया उर्फ अज़हरी मियां ??
☆हुजूर ताजुश्शरिया अल्लामा #मुफ्ती_मुहम्मद_अख्तर_रज़ा_खाँ, आला हजरत ईमाम अहले सुन्नत अहमद रजां फाज़िले बरेलवी के #पर_पोते हैं।
☆आप हुज्जतुल इस्लाम हज़रत हामिद रजां खां के #सगे_पोते और हुजुर मुफ्ती आजम हिंद अल्लामा मुस्तफा रजा खां के #सगे_नवासे हैं।
☆आप ने इस्लामी दुनिया की सबसे प्राचीन और बड़ी विश्वविद्यालय जामिया #अल़अज़हर काहिरा (मिश्र) से तालीम हासिल की। अपने बेहतरीन तालीमी रिकॉर्ड और यूनिवर्सिटी टॉप करने पर मिस्र के राष्ट्रपति कर्नल अब्दुल नासिर के हाथों " #फकरे_अज़हर ʼʼ अवार्ड दिया गया इसीलिए आपके नाम के आगे #अज़हरी लिखा जाता है।
☆आप ने अरबी, उर्दू, अग्रेंजी, फारसी में #इस्लामिक_फिक्ह (islamic jurisprudence) तर बहुत सारी किताबें लिखी और बहुत सारी किताबों का तर्जुमा भी किया।
☆आप ने इश्के मुस्तफा से लबरेज़ नातिया दिवान #सफीना_ए_बख्शिस लिखी जिसमें उर्दू अरबी भाषाओं में नातिया कलाम व मन्कबतें हैं।
☆शरीयते इस्लामिया की हिफाज़त की अज़ीम खिदमत की वजह आपको 'शरीयत के ताजʼ का लकब "#ताजुश्शरियाʼʼ दिया गया।
☆आप की प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जॉर्डन की राजधानी ओमान के रॉयल स्टडीज़ सेंटर से हर साल जारी होने वाली दुनिया के 500 प्रभावशाली मुसलमानों की लिस्ट में आप #टाॅप22 शख्सियत में शामिल रहे। जबकि भारत की तरफ से प्रभावशाली शख्सियत में आप #पहले_नंबर पर हैं ।
☆दुनिया भर में आपके #20_करोड़ से ज्यादा मुरीद हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मिस्र, मॉरिशस, दक्षिण अफ्रीका अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय और अरब देशों में फैले हुए हैं।।
☆आप ने #6_हज और अन-गिनत बार #उमरा अदा किए इसीलिए आपको '#मेहमान ए काबाʼ के नाम से भी याद किया जाता है।
☆आप सिलसिले #कादरिया के अज़ीम बुजुर्ग #सूफी_परंपरा के प्रचारक थे।
☆आपको मुफ्ती-ए-आज़म फिल-हिंद, काजी उल कुज़्ज़ा फिल-हिंद ,जाँ-नशीन ए मुफ़्ती आज़म और नबीरे आला हजऱत की उपाधि से नवाजा गया ।
☆आपको 36 से ज्यादा उलूम (Educational subjects) पर महारत हासिल थी।
☆आपको उर्दू अरबी फारसी अंग्रेजी के अलावा 11 मज़ीद भाषाओं का ईल्म था।
☆आपको आपके नाना हुजूर मुफ्ती ए आजम मुस्तफा रज़ा खान,
वालिदे मोहतरम मुफ्ती मोहम्मद इब्राहिम राजा खान के अलावा
हज़रत मौलाना बुराहान उल हक जबलपुर,
हजरत मौलाना मोहम्मद आले मुस्तफा बरकाती
सय्यद हसन हैदर बरकाती माहरैरा शरीफ
से भी सिलसिला कादरिया में खिलाफत व इजाज़त हासिल थी ।
☆आपने मरकजी दारुल इफ्ता, मरकजी दारुल कज़ा,
शरई काउंसिल ऑफ इंडिया,
जामियातुर रजा इस्लामिक यूनिवर्सिटी की स्थापना की।
☆आप आल इंडिया जमात ए रज़ा-ऐ-मुस्तफा बरेली शरीफ,
आल इंडिया सुन्नी जामियातुल उलमा और इमाम अहमद रज़ा ट्रस्ट के सरपरस्त रहे।
☆आप के विसाल पर दुनियाभर से ताज़ियत भरे पैगाम आए।
जिनमें तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान, अमीर दावत-ए-इस्लामी मौलाना इलियास अत्तार कादरी, प्रोफेसर अमीन मियाँ बरकाती, मशहूर नातखाँ ओवैस रजा कादरी, पीर साकिब शामी, हज़रत साकिब रज़ा मुस्तफाई शेख अबू बकर (केरल), अमीरे सुन्नी दावते इस्लामी मौलाना शाकिर अली नूरी (मुम्बई), मुफ्ती निजामुद्दीन मिस्बाही (अल जामियातुल अशरफिया) ने खूसूसी ताज़ियत फरमाई।
☆आपके नमाज-ए-जनाजा में देशभर के सभी राज्यों से समेत दुनिया भर के #127_मुल्कों से मुरीदीन और अकीदतमन्दों ने शिरकत की जिनकी तादाद करीब 1.25 करोड़ से ज्यादा रही।
☆ आपका की वफ़ात दुनिया ए सुन्नियत के लिए अज़ीम खासारा है जिसकी भरपाई नामुमकिन है।
"अल्लाह अज़्ज़ावजल की इन पर रहमत हो और इनके सदके हमारी मग्फिरत होʼʼ।
आमीन।।

रविवार, 22 जुलाई 2018
Dargah Hazrat Akhtar Raza khan (Azhari Miya)
शनिवार, 7 जुलाई 2018
बच्चे का पैदाइश यूरोप और भारत....
यूरोप में डिलीवरी के समय उस औरत का पति उसके पास होता है और कमरे में एक या दो नर्सें होते हैं किसी तरह की दवा नहीं दी जाती औरत दर्द की वजह से चीखती चिल्लाती है मगर नर्स उसे सब्र करने का कहती है और 99% डिलीवरी नार्मल की जाती है ना डिलीवरी से पहले दवा दी जाती है और ना बाद में किसी किस्म का टीका भी नहीं लगाया जाता औरत को हौसला होता है कि उसका पति उसके पास खड़ा हुआ है उसका हाथ पकड़े हुए हैं डिलीवरी के बाद बच्चे की नाफ कैंची से उस औरत का पति ही काटता है और बच्चे को औरत के जिस्म से डायरेक्ट बगैर कपड़े के लगाया जाता है ताकि बच्चा टेंपरेचर मेंटेन कर ले बच्चे को सिर्फ मां का दूध पिलाने को कहा जाता है और जच्चा बच्चा दोनों को किसी किस्म की दवाई नहीं दी जाती बस एक सुरक्षा टीका जो पैदाइश के फौरन बाद बच्चे को लगाया जाता है पहले दिन से बच्चे की पैदाइश तक सब फ्री होता है और डिलीवरी के फौरन बाद बच्चे की परवरिश के पैसे मिलने शुरू हो जाते हैं लेकिन सभी देशों में ऐसा नहीं है भारत में लेडी डॉक्टर डिलीवरी के लिए आती हैं और औरत के घरवालों से पहले ही कह देती हैं कि आपकी बेटी बहन या पत्नी कि पहली प्रेगनेंसी है उसका काफी केस खराब है जान जाने का खतरा है ऑपरेशन से डिलीवरी करनी पड़ेगी 99 परसेंट डॉक्टर की कोशिश होती है कि बच्चे ऑपरेशन से ही पैदा हो और जानबूझकर नॉर्मल डिलीवरी को भी ऑपरेशन का रूप बना देते हैं डिलीवरी से पहले और बाद में झोली भर भर कर दवाइयां दी जाती हैं डिलीवरी के वक्त औरत का पति तो दूर की बात है औरत के माँ या बहन को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं होती और अंदर डॉक्टर उसकी नर्स क्या करती हैं यह तो रब जाने या तो वह खातून जाने जो अंदर होती है नॉर्मल डिलीवरी में 20 से 30000 और ऑपरेशन वाली डिलीवरी में ₹70000 से 80000 ₹ चले जाते हैं कौन सा डॉक्टर चाहेगा कि उसके हाथ से यह रुपये जाएं नॉर्मल डिलीवरी जानबूझकर नहीं कराई जाती किस डॉक्टर का दिमाग खराब है कि नॉर्मल की तरफ ले जाए आखिर उसको भी तो नोट कमाना है बच्चों को बड़े-बड़े स्कूलों में पढ़ाना है महंगी गाड़ियां लेनी है बड़ा घर बनाना है इंसानियत से क्या लेना इनका तो पैसा ही धर्म होता है और वही इनका सब कुछ होता है :
नोट : इस मे कुछ आँकड़े या बातें गलत हो सकतीं हैं लेकिन मौजूदा दौर में डॉक्टरों से किसी भी तरह की इंसानी हमदर्दी मात्र कुछ % ही रखी जा सकती है आप बहुत से केसेज़ देखते होंगे झेलते होंगे अगर ऐसा कु छ आप के साथ हुआ है तो जरूर बतायेँ ताकि सच पता चले लोगों को भी :
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वह हमारे इदारे हमसे ही छीन कर चाहते हैं हम कलाम साहब जैसे बने
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गुलशने हिन्द को शोलों से बचाना होगा आतिशे बुग्ज़ ओ अदावत को बुझाना होगा हकीकत में आज़ादी का जश्न मनाने के लिए, हर दिल मे प्यार का दीप जलान...













