बुधवार, 19 दिसंबर 2018

मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

Mohd javed writing


आज ना सही तो कल ज़रूर लिखूंगा हमारी ज़िंदगी पर एक किताब लिखूंगा पहले इस कठिन वक़्त की दुश्वारियों से सम्हल जाऊं तो फिर इस कठिन वक़्त का हाल ज़रूर लिखूंगा (मुहम्मद जावेद)

सोमवार, 10 दिसंबर 2018

मानव अधिकार दिवस 2018


मानवाधिकार क्या है:- प्राकृतिक अधिकार जो मानव को जन्म लेते ही प्राप्त होता है उसे हम मानव अधिकार कहते है. दुसरे शब्दों में एसे अधिकार जो प्रतेक व्यक्ति को मानव होने के नाते प्राप्त होते है उसे हम मानव अधिकार कहते है. जैसे; भोजन, वस्त्र, आवास आदि. मनवा अधिकार में आमलोगों को बेहतर और सुरक्षित जीवन के लिए कुछ मुलभुत अधिकार दिए गए है. पुलिसकर्मी आपने कर्तव्य के कर्म में प्रायः एसी गलतिय कर बैठते है जिससे लोगो के मानवाधिकार का हनन हो जाता मानवाधिकार की जरुरत क्या है. 1, शारीरिक स्वतंत्रता के लिए. 2, गिरफ्तारी व अन्य वेवजह रोककर रखने के प्रविर्ती में मुक्ति के लिए. 3, मनुष्य के आत्म सम्मान को बचाकर रखने के लिए. 4,न्याय की रक्षा के लिए. 5, मनुष्य के मौलिक अधिकारों को बचके रखने के लिए. 6,जीवन स्तर को उच्च बनाने के लिए. 7,अधिकारों के अतिकर्मन को रोकने के लिए. 8,रास्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय गौरव एवं शांति बनाने के लिए, 9,मानव के सर्वागीण विकाश के लिए, मानवाधिकार को बचाए रखने के लिए पुलिस को को क्या नहीं करना चाहिए?(To protect human right police personals should not do) गिरफ्तारी के समय 🙁at the time of arrest) (i).अनावश्यक बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए. (ii).गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त तथा उसके परिवारजनों के साथ गली गलौज नहीं करना चाहिए. (iii).मारपीट व अन्य अमन्नीय व्यवहार नहीं करना चाहिए. (iv).गलत गिरफ्तारी नहीं करना चाहिए. (v).अनावश्यक रोक कर नहीं रखना चाहिए. (vi).गिरफ्तार व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुचने का प्रयास नहीं करना चाहिए. (vii).व्यक्तिगत फायदे के लिए गिरफ्तार व्यक्ति के विरुद्ध अनावश्यक करवाई नहीं करनी चाहिए. #तलाशी_के_समय While search) (i).तलाशी के समय स्थान के मालिक या व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चैये. (ii).सामान्य स्तिथियों में रात्रि कल में तलाशी नहीं लेना चाहिए. (iii).किसी भी जगह अनधिकृत प्रवेश नहीं करना चाहिए. (iv).महिला एवं बच्चो के साथ दुर्व्वाहर नहीं करना चाहिए. (v).किसी भी संदिग्ध या वांछित वास्तु के आलावा उस जगह की अन्य वस्तुओ के साथ छेड़ छड या उठाने की कोसिस नहीं करना चाहिए.- जप्ती सूचि में दर्ज किये वैगर सामग्रियों को नहीं उठाना चाहिए. #गिरफ्तारी_एवं_तलाशी_के_दौरान_पुलिस_को_क्या_करना_चाहिए(to protect human right police should do following while search and arrest) गिरफ्तारी के दौरान: (i).गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को गिरफ्तारी का कारन बताना चाहिए. (ii).उसको जमानत सम्बन्धी सुचना देना चाहिए. (iii).गिरफ्तारी के बाद अपराधी का डाक्टरी जाँच करना चाहिए. (iv).24 घंटे के अन्दर गिरफ्तार व्यक्ति को न्यायलय में पेश करना चाहिए. (v).महिला, बच्चो, बीमार तथा वृद्ध व्यक्तियों का ध्यान रखना चाहिए. (vi).गिरफ्तारी एवं विरोध के सम्बन्ध में अन्य कानूनी प्रावधानों का पालन करना चाहिये. (vii).न्यायालयों द्वारा जरी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए. तलाशी के दौरान: (i).कानूनी प्रावधानों का पालन करना चाहिए. (ii).तलाशी के समय मकान मालिक को तलाशी का कारण बताना चाहिए. (iii).जप्त किये गए सामानों की सही सही सूचि बनाकर उसकी एक प्रति मकान मालिक को देनी चाहिए. (iv).घर या बंद स्थान की तलाशी के क्रम में किसी महिला की तलाशी महिला पुलिस या दूसरी महिला के द्वारा ही होनी चाहिए (v).अन्य स्तिथि में महिला की शालीनता का पूर्ण ख्याल करना चाहिए. #क्या_नहीं_करना_चाहिए;(to protect human right police should avoid following while search and arrest) (i).आम आदमी के साथ अभद्रता का व्यवहार नहीं करना चाहिए. (ii).गिरफ्तारी के समय अनावश्यक बल प्रयोग नहीं करना चाहिए. (iii).गिरफ्तारी के समय आपराधि एवं उसके परिवार के लोगो के साथ गली गलौज नहीं करना चाहिए. (iv).गलत आदमी को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए.. (v).गिरफ्तार व्यक्ति का प्रतिष्ठा का ठेस नहीं पहुचना चाहिए. (vi).व्यक्तिगत दुश्मनी या किसी स्वार्थ की पूर्ति के लिए किसी को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए. (vii).पद या वर्दी का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए. (viii).सामान्य स्तिथि में रात्रि कल में तलाशी नहीं लेना चाहिए. (ix).किसी जगह में अनाधिकार प्रवेश नहीं करना चाहिए. (x).किसी व्यक्ति को लाकअप में हथकड़ी नहीं लगनी चाहिये.

शनिवार, 1 दिसंबर 2018

भारत का मुसलमान


मैं मुस्लमान हुं मै मुस्लमान हूँ, मै प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री नही बन सकता, क्योकि मेरी तादाद कम है और जातिवाद ज्यादा, लेकिन मैं कलेक्टर, एडीएम, तहसीलदार, कमिश्नर, एसपी, डीएसपी तो बन ही सकता हूँ। लेकिन मै निकम्मा हूं मुझ से घंटो पढ़ाई नही होती, अगर मैं पढ़ने लग गया तो चौराहों की रौनकें ख़त्म हो जाएगी, जो की मै होने नही दूंगा, मै पढ़ गया तो गुटखा, ताश पत्तियां छूट जाएगी जो की मै छोड़ना नही चाहता। हां मै मुसलमान हूँ, , अपने भाइयो की टांग खिंचाई, मेरा अहम शगल है। आखिर मै क्यों नही पढा ? या मै क्यों नही पढ़ नही पाया? ये सवाल हो सकता है! लेकिन मैं अनपढ़ हूं इसमें शक नही! हां मै मुसलमान हूं,और हिंदुस्तान में 30 करोड़ हुँ , लेकिन मै ज्यादातर अनपढ़, गरीब, गन्दी बस्तियों में ही हूं, इसका दोष मै दुसरो पर मढ़ता हूं, मै चाहता हूँ कि मेरे घर आंगन की झाड़ू लगाने भी सरकार आये। हां मै मुसलमान हूँ, जिसका धर्म 'पाकी आधा ईमान', 'तालीम अहम बुनियाद है' मानने वाला है लेकिन मै इस पर कभी अमल नही करता । क्योकिं मैं नापाक रहता हूं हां मै मुसलमान हूं, मै अनपढ़ हूँ, क्यों की माँ-बाप ने बचपन से गैरेज पर नौकरी से लगाया और मै गरीब घर से हुँ। बेहतर तालीम देने के लिए माँ-बाप के पास रुपया नही है, और मेरी कौम तालीम से ज्यादा लंगर को तवज्जोह देती है, वो सिर्फ़ खिलाने को सवाब समझती है।लेकिन उसे नहीं पता कि किसी को इल्मी क़ाबिल बनाने में मदद करना भी सवाब है मै मुसलमान हूं, मै खूब गालियां देता हूं, मै रिक्शा चलाता हूं, दूध बेचता हूं वेल्डिंग करता हूं मै गैरेज पर गाड़िया सुधारता हु, मै चौराहे पर बैठ कर सिगरेट पीता हूं,गांजा पिता हूं, ताश पत्ते खेलता हूं, क्योंकी मै अनपढ़ हूं, और मै अनपढ़ सिर्फ दो वजह से हूं, एक–माँ-बाप की लापरवाही, दूसरा –कौम के जिम्मदारो की लापरवाही । माँ-बाप मजबूर थे, लेकिन मेरी कौम मजबूर न थी, न है! मैने आंखो से देखा है लाखो रुपयों के लंगर कराते हुए, मैने आँखों से देखा है लाखों रुपए कव्वाली पर उड़ाते हुए, मैने आँखों से देखा है बेइंतहा फ़िज़ूल खर्च करते हुए। काश! मेरे माँ-बाप या मेरी कौम मेरी तालीम की फ़िक़्र मंद होती तो आज मै प्रधान मंत्री या मंत्री न सही, लेकिन मैं आज क्लेक्टर, एडीएम,कमिश्नर जैसे बड़े पदों पर होता, बिना वोट पाये भी लाल बत्ती में होता, या कम से कम मै डॉक्टर,इंजिनियर,आर्किटेक्चर,या एक अच्छा बिजनेस मैन तो होता ही, लेकिन बचपन से मन में एक वहम घर कर गया है, "कि मियां तुम मुसलमान हो और मुसलमानो को यहाँ नौकरी आसानी से नही मिलती" लेकिन मैं ये तो भूल ही गया कि मेरे नबी ने तमाम जिंदगी तिजारत ही की और तालीम पर अहम् जोर दिया, फिर मै उनका उम्मती होकर नौकरी न मिलने की बात सोच कर तालीमात क्यों हासिल नही करता ? (नोट- दोस्तों ये तहरीर सिर्फ इस्लाही पोस्ट के लिए लिखी गयी है, रिक्शा चला कर पेट पालना या वेल्डिंग करना दूध बेचना गैरेज के पाने उठाना या मजदूरी करना कोई गलत काम नही, लेकिन हम इसके लिए पैदा हुए है ये सोच कर तालीम हासिल न करना गलत है, खूब पढ़ाई करो, कि हर पद पर सिर्फ तुम दिखो, तुम्हे इज्जत से देखे, तुम पढ़े लिखे तबके में गिने जाओ, अंधविश्वास से दूर एक नयी जिंदगी जीकर मुल्क़ व क़ौम की ख़िदमत करे और.....जहां प्रोपोगंडा नामक चीज ही न हो, आने वाली नस्लो को पढा लिखा कर हम अब तक के अपने इतिहास को बदल दे, यही एक ललक है कि ये कौम एक नया सवेरा देखे, कि जब भी सुबह का अखबार देखे हर अखबार के फ्रंट पेज पर आये इस शहर के नए कलेक्टर नए एडीएम नए कमीशनर तुम हो!

Feke News

फेक न्यूज़ का जो पूरी तरह शिकार हो जाता हैं तंदुरुस्त होने के बावजूद भी बीमार हो जाता हैं