सोमवार, 14 अगस्त 2017

(वन्देमातरम का हिन्दी-काव्यानुवाद)


सामूहिक राष्ट्रगान (वन्दे मातरम का हिन्दी-काव्यानुवाद) जलवायु अन्न सुमधुर, फल फूल दायिनी माँ!, धन धान्य सम्पदा सुख,गौरव प्रदायिनी माँ!! शत-शत नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! अति शुभ्र ज्योत्स्ना से, पुलकित सुयामिनी है। द्रुमदल लतादि कुसुमित, शोभा सुहावनी है।। यह छवि स्वमन धरें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! कसकर कमर खड़े हैं, हम कोटि सुत तिहारे। क्या है मजाल कोई, दुश्मन तुझे निहारे।। अरि-दल दमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! तू ही हमारी विद्या, तू ही परम धरम है। तू ही हमारा मन है, तू ही वचन करम है।। तेरा भजन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! तेरा मुकुट हिमालय, उर-माल यमुना-गंगा। तेरे चरण पखारे, उच्छल जलधि तरंगा।। अर्पित सु-मन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! बैठा रखी है हमने, तेरी सु-मूर्ति मन में। फैला के हम रहेंगे, तेरा सु-यश भुवन में।। गुंजित गगन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! पूजा या पन्थ कुछ हो, मानव हर-एक नर है। हैं भारतीय हम सब, भारत हमारा घर है।। ऐसा मनन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!

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