मंगलवार, 19 दिसंबर 2017

JAVED birthday 19 Dec

शुक्रिया मेरे भाई मेरे दोस्तो को जिन्होंने मेरे जन्मदिन को इतना खूबसूरत बनाया दिल से शुक्रिया मेरे सभी दोस्तो का

शुक्रवार, 10 नवंबर 2017

सच्चे प्यार की सच्ची कहानी


एक लड़की ने बुज़ुर्ग से पूछा •> सच्चा प्यार बहुत नसीब वालो को मिलता है इसमें हकीकत क्या है?????.. बुज़ुर्ग ने कहा•> तुम जाओ फूलों के बाग मे और जो सबसे खूबसूरत फूल तुमको दिखे वो ले आना लड़की दुसरे दिन वापस बुज़ुर्ग पास के पास आती है कहती है •> मैंने बहुत सारे फूल देखे 1 फूल बहुत खूबसूरत था पर मुझे लगा इससे अच्छे बहुत होंगे और मै फिर ये सोच कर आगे देखने चली गई ....... लेकिन कोई और अच्छा नहीं लगा........ और जब लौट कर वापस आई तो देखा ......जिस फूल को मैंने पसंद किया था उसे किसी और ने तोड़ लिया था ...…........**********************............... तब इस पर बुज़ुर्ग का जवाब भी बहुत अच्छा था यही सच्चे प्यार हकीकत है.........जो सामने होता है उसकी कदर नहीं होती.......... और जब वापस लौटो तो वो भी मिलता इसीलिए••✓✓✓ ‌सच्चा प्यार बहुत नसीब वालो को मिलता है

रविवार, 15 अक्तूबर 2017

IAS को मिलने वाली सुविधाएं


IAS ऑफिसर बनने के बाद उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलती है वह मैं बताता हूं और आईएएस को क्या-क्या काम करने पड़ते हैं वह भी बताता हूं। अगर एक बार IAS की परीक्षा निकाल लिया जाए तो हरेक महीने कम से कम ₹70000 वेतन तो जरूर मिलेगा। IAS ऑफिसर बनने के बाद उन्हें रहने के लिए एक अच्छा बड़ा सा घर दिया जाएगा। IAS ऑफिसर को ऑफिशियल काम के लिए गाड़ी और ड्राइवर भी दिया जाएगा। IAS ऑफिसर को और उनके परिवार को मेडिकल की सुविधा भी दी जाएगी और वह भी बिल्कुल मुफ्त में। अभी तक जितने फायदे बताए, यह सभी फायदे ज्यादातर सरकारी नौकरियों में मिलते हैं। लेकिन कुछ ऐसे फायदे होते हैं जो सिर्फ आई ए एस ऑफिसर को ही मिलते हैं । IAS ऑफिसर को बहुत ही ज्यादा अधिकार दिए जाते हैं वह एक तरह से सरकार और जनता के बीच का बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है। कई सारे सरकारी कर्मचारी और अधिकारी किसी ना किसी IAS ऑफिसर के अंडर में काम करते हैं। उन सभी अधिकारियों को नियंत्रित IAS ऑफिसर ही करता है। कई सारे कॉन्ट्रैक्ट को आई. ए. एस. ऑफिसर ही स्वीकृति प्रदान करते हैं । सरकार के विभिन्न विकास कार्यक्रम की देखरेख IAS ऑफिसर ही करता है। IAS ऑफिसर ही कई विकास कार्यक्रमों के लिए फंड स्वीकृति देता है। आईएएस ऑफिसर यह भी सुनिश्चित करता है कि उसके प्रभाव क्षेत्र में आने वाले विभिन्न सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भ्रष्टाचार नहीं कर रहे हैं। IAS ऑफिसर को अपने अधीन विभिन्न कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का अधिकार है। IAS ऑफिसर जहां कही भी जाता है सारे लोग उनके आगे पीछे करने लगते हैं, कॉन्ट्रैक्टर से लेकर बड़े-बड़े अधिकारी उनके आगे पीछे इसलिए करते रहते हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर लगता है कि कहीं यह IAS ऑफिसर उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही ना कर दें या फिर उनका कोई काम ना रोक दें। बड़े-बड़े नेता से लेकर गांव के मुखिया तक IAS ऑफिसर को जानते हैं उन्हें सम्मान देते हैं और उनके सम्पर्क में रहते हैं। सभी बड़े आयोजनों, फंक्शन और पार्टियों में IAS ऑफिसर को बुलाया जाता है और उन्हें सम्मान से स्वागत किया जाता है। आईएएस की सहमति से ही बड़े-बड़े कामों पर स्वीकृति मिलती है अगर IAS ऑफिसर चाहे तो कोई भी प्रोजेक्ट रुकवा सकता है अगर प्रोजेक्ट सही से नहीं चल रहा है तो। गांवों और शहरों के जमीन के लेनदेन से लेकर जाति प्रमाण-पत्र बनवाने का काम भी IAS ऑफिसर के हस्ताक्षर से हो पाता है।

रविवार, 24 सितंबर 2017

अधिवक्ता (Advocate) अधिनियम 1961 Mohd Javed


अधिवक्ता (Advocate) अधिनियम 1961 – (Advocate) अधिनियम 1961 – अधिवक्ता, अभिभाषक या वकील (ऐडवोकेट advocate) के अनेक अर्थ हैं, परंतु हिंदी में ऐसे व्यक्ति से है जिसको न्यायालय में किसी अन्य व्यक्ति की ओर से उसके हेतु या वाद का प्रतिपादन करने का अधिकार प्राप्त हो। अधिवक्ता किसी दूसरे व्यक्ति के स्थान पर (या उसके तरफ से) दलील प्रस्तुत करता है। इसका प्रयोग मुख्यत: कानून के सन्दर्भ में होता है। प्राय: अधिकांश लोगों के पास अपनी बात को प्रभावी ढ़ंग से कहने की क्षमता, ज्ञान, कौशल, या भाषा-शक्ति नहीं होती। अधिवक्ता की जरूरत इसी बात को रेखांकित करती है। अन्य बातों के अलावा अधिवक्ता का कानूनविद (lawyer) होना चाहिये। कानूनविद् उसको कहते हैं जो कानून का विशेषज्ञ हो या जिसने कानून का व्यावसायिक अध्ययन किया हो। वकील की भूमिका कानूनी न्यायालय में काफी भिन्न होती है। भारतीय न्यायप्रणाली में ऐसे व्यक्तियों की दो श्रेणियाँ हैं : ऐडवोकेट तथा वकील Advocate Act 1961 Hindi – ऐडवोकेट के नामांकन के लिए भारतीय “बार काउंसिल’ अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक प्रादेशिक उच्च न्यायालय के अपने-अपने नियम हैं। उच्चतम न्यायालय में नामांकित ऐडवोकेट देश के किसी भी न्यायालय के समक्ष प्रतिपादन कर सकता है। वकील, उच्चतम या उच्च न्यायालय के समक्ष प्रतिपादन नहीं कर सकता। ऐडवोकेट जनरल अर्थात्‌ महाधिवक्ता शासकीय पक्ष का प्रतिपादन करने के लिए प्रमुखतम अधिकारी है अधिवक्ता अधिनियम 1961 के धारा 35 के अंतर्गत स्टेट बार कौंसिल द्वारा अधिवक्ता के विरूद्ध प्राप्त दुराचरण की शिकायत पर अथवा स्वप्रेरणा से अधिवक्ता के विरूद्ध व्यवसायिक दुराचरण की कार्यवाही करने और अधिवक्ता को दंडित करने का प्रावधान है। कोई भी व्यक्ति अधिवक्ता के दुराचरण की शिकायत स्टेट बार कौंसिल को कर सकता है। स्टेट बार कौंसिल की अनुशासन समिति शिकायत प्रकरण रजिस्टर कर उसकी सुनवाई कर निम्न आदेशों में से कोई आदेश पारित कर सकती है:- (क) शिकायत खारिज कर सकेगी। (ख) अधिवक्ता को कोई चुनौती दे सकेगी। (ग) अधिवक्ता को विधिव्यवसाय से उतनी अवधि के लिये निलंबित कर सकेगी, जितनी ठीक समझें, निलंबन की अवधि में अधिवक्ता को विधि व्यवसाय करने की पात्रता नहीं होगी। (घ) अधिवक्ता का नाम अधिवक्ताओं की राज्य नामावली में से हटा सकेगी। अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 37 के अंतर्गत स्टेट बार कौंसिल के आदेश के विरूद्ध बार कौंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली के समक्ष और धारा 38 के अंतर्गत बार कौंसिल आफ इंडिया के आदेश के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकेगी। Advocate Act 1961 – सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अधिवक्ता के विरूद्ध व्यवसायिक दुराचरण के संबंध में अनुशासन संबंधी कार्यवाही करते समय अनुशासन समिति को संदेह के लाभ के सिद्धांत को और तथ्यों के युक्तियुक्त संदेह से परे सिद्ध करने की आवश्यकता को ध्यान में रखना चाहिए और यह भी देखा जाना चाहिए कि अधिवक्ता ने सद्भावनापूर्वक कार्य किया या दुर्भावनापूर्वक तथा अपराधिक आशय (मेन्सरिया) मौजूद था या नही। (ए.आई.आर. 1989 सुप्रीम कोर्ट 245) वकालत एवं व्यवसायिक आचार नीति के अंतर्गत अधिवक्ताओं के कृत्य जो व्यवसायिक दुराचरण की श्रेणी में आते है:- दुराचरण के श्रेणी में है:- Advocate Act 1961 1. बिना उचित प्रमाण पत्र के विधि व्यवसाय करना। 2. न्यायालय में बिना उचित कारण अनुपस्थित होना और प्रकरण को स्थगित करना। 3. मामले के विषय में मवक्किल के निर्देश के बिना कार्यवाही करना। 4. कूटरचित शपत पत्र अथवा दस्तावेज प्रस्तुत करना और शपथ अधिनियम 1969 में दिये गये वैधानीक कर्त्तव्य की अवहेलना करना। (ए.आई.आर. 1985 सुप्रीम कोर्ट 287) 5. अधिवक्ता द्वारा बार-बार न्यायालय की अवमानना करना। 6. न्यायाधीश से अपने संबधों की जानकारी देकर मुवक्किल से राशि वसूल करना। 7. न्यास भंग करना। 8. अपने मुवक्किल को नुकसान पहुंचाने का कृत्य करना। 9. विधि व्यवसाय के साथ अन्य व्यवसाय करना। 10. मामले से संबंधित प्रापर्टी का क्रय करना। 11. लीगल एड प्रकरणों में फीस की मांग करना। 12. मामले से संबंधित सच्चाई को छुपाना। 13. वकालत नामा प्रस्तुत करने के पूर्व तय की गई फीस के अतिरिक्त फीस की मांग करना और न्यायालय के आदेश पर प्राप्त रकम में शेयर की मांग करना। 14. लोकपद का दुरूपयोग करना। 15. मुवक्किल से न्यायालय में जमा करने हेतु प्राप्त रकम जमा न करना। 16. रिकार्ड एवं साक्ष्य को बिगाड़ना एवं साथी को तोड़ना। 17. मुवक्किल द्वारा अपनी केस फाईल वापस मांगने पर फाईल वापस न करना और फीस की मांग करना (सुप्रीम कोर्ट 2000(1) मनिसा नोट 27 पेज 183 सुप्रीम कोर्ट) 18. अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 24 के अंर्तगत अपात्र व्यक्ति द्वारा विधि व्यवसाय करना।(ए.आई.आर. 1997 सुप्रीम कोर्ट 864)

सोमवार, 14 अगस्त 2017

(वन्देमातरम का हिन्दी-काव्यानुवाद)


सामूहिक राष्ट्रगान (वन्दे मातरम का हिन्दी-काव्यानुवाद) जलवायु अन्न सुमधुर, फल फूल दायिनी माँ!, धन धान्य सम्पदा सुख,गौरव प्रदायिनी माँ!! शत-शत नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! अति शुभ्र ज्योत्स्ना से, पुलकित सुयामिनी है। द्रुमदल लतादि कुसुमित, शोभा सुहावनी है।। यह छवि स्वमन धरें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! कसकर कमर खड़े हैं, हम कोटि सुत तिहारे। क्या है मजाल कोई, दुश्मन तुझे निहारे।। अरि-दल दमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! तू ही हमारी विद्या, तू ही परम धरम है। तू ही हमारा मन है, तू ही वचन करम है।। तेरा भजन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! तेरा मुकुट हिमालय, उर-माल यमुना-गंगा। तेरे चरण पखारे, उच्छल जलधि तरंगा।। अर्पित सु-मन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! बैठा रखी है हमने, तेरी सु-मूर्ति मन में। फैला के हम रहेंगे, तेरा सु-यश भुवन में।। गुंजित गगन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! पूजा या पन्थ कुछ हो, मानव हर-एक नर है। हैं भारतीय हम सब, भारत हमारा घर है।। ऐसा मनन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!

मंगलवार, 25 जुलाई 2017

सपने में सेक्‍स करने का ये होता हैं मतलब…


क्‍या आपको यौन क्रियाओं के स्‍वप्‍न आते हैं? क्‍या आप सपने में किसी से यौन संबंध स्‍थापित करते हुए देखते हैं? या फिर सपने में यौन गतिविधियों में शामिल होने पर आपका वीर्य स्‍वत: प्रवाहित हो जाता है? अगर हां, तो घबराने की बात नहीं है। ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है। लेकिन कई बार आपके सपने आपके व्‍यवहार के विपरीत आते हैं, जिस कारण आप तनाव में पड़ सकते हैं। जैसे यदि आप समलैंगिकता से घृणा करते हैं, फिर भी आप सपने में देखते हैं, कि आप समलैंगिक संबंध स्‍थापित कर रहे हैं। कई लोग ऐसे सपनों से परेशान हो जाते हैं, वहीं कई ऐसे भी होते हैं, जा जीवन के इस दौर को खुलकर एंज्‍वॉय करते हं। लेकिन प्रश्‍न यह है कि आखिर सेक्‍सुअल ड्रीम्‍स यानी सेक्‍स के सपने हमें क्‍यों आते हैं। असल में हमारे अवचेतन मन में दिन भर विभिन्‍न प्रकार की गतिविधियां होती रहती हैं। जिसके कारण हमें ऐसे सपने आते हैं। मनुष्‍य जितने भी काम करता है, उसमें सेक्‍स उसके मन पर सबसे शक्तिशाली प्रभाव डालता है। सपने जो आपकी सोच बताएं ऐसे में यदि आप कोई भी काम करते वक्‍त सेक्‍स के बारे में सोचते हैं, या फिर किसी स्‍त्री को देखकर आपके मन में यौन संबंधी खयाल आते हैं, तो जाहिर है उसका प्रभाव आपके मस्तिष्‍क पर जरूर पड़ता है। चूंकि सपनों को हम सेंसर नहीं कर सकते इसलिए वही बातें सपने में आना कोई बड़ी बात नहीं है। वैज्ञानिकों के मुताबिक हम सोते वक्‍त सपने में वही देखते हैं, जो हम जागते वक्‍त सोचते हैं। इसके विपरीत कुछ ऐसे सपने भी हैं, जो आपके अंदर सेक्‍स की प्रवृत्ति को दर्शाते हैं। वो ऐसे कि यदि कोई पुरुष सपने में कोई बड़ी टननेल, सबवे या फिर गहरी खाई देखते हैं तो निश्चित तौर पर वे सेक्‍स के प्रति काफी रुझान रखते हैं। सेक्‍स के प्रति गहराई से सोचते भी हैं। इसी प्रकार सेक्‍स के प्रति ललक रखने वाली स्त्रियों को सपने में अकसर रॉकेट, सिगार या कोई ऊंची चिमनी दिखाई देती है। सपने में रति-निष्पत्ति आमतौर पर पुरुषों में यह बात आम है, कि सपने में वे सेक्‍स के चरम आनंद पर पहुंच जाते हैं और उसी दौरान उनका वीर्य प्रवाहित हो जाता है। ऐसा महिलाओं के साथ भी होता है। स्त्रियां इस बारे में बहुत काम बात करती हैं। ऐसा उन्‍हीं स्त्रियों के साथ होता है, जो सेक्‍स के प्रति हाईली चार्ज होती हैं। यानी जिनके अंदर सेक्‍स करने की ललक बहुत अधिक होती है। सेक्‍स से भरे सपने के दौरान ऐसी स्त्रियां चरम पर पहुंच जाती हैं। और नींद में ही उनकी ऊर्जा प्रवाहित हो जाती है। वहीं पुरुषों में ऐसा सबसे ज्‍यादा किशोरावस्‍था में होता है। सपने में किसी स्‍त्री से सेक्‍स करते वक्‍त जब उत्‍तेजना अपने चरम पर पहुंच जाती है, तब वीर्य प्रवाहित हो जाता है। ज्‍यादा तर लोग इसे स्‍वप्‍नदोष, कामुक सपने, गीले सपने, आदि कहते हैं। पुरुषों के साथ सबसे बड़ी समस्‍या यह है कि गीले सपने के दौरान अधिक मात्रा में वीर्य निकलता है। जिस कारण बेड की चादर गंदी हो जाती है। क्‍या कहते हैं सेक्‍सोलॉजिस्‍ट सेक्‍सोलॉजिस्‍ट की मानें तो ऐसे सपनों को लेकर परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। युवा अवस्‍था में लोग अपने दोस्‍तों और साथियों से सुनते हैं कि गीले सपने आने से वीर्य का प्रवाह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है। इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इससे कमजोरी आती है। आंखें अंदर धंस जाती हैं। इससे उम्र कम होती है… लेकिन सही मायने में यह सब बातें पूरी तरह निराधार हैं। ऐसा कुछ भी नहीं होता। असल में गीले सपने शरीर की एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है, जो हारमोंस के बढ़ने पर होती है। ठीक उसी प्रकार जिस तरह महिलाओं में मासिक धर्म होता है। सपने में आप चाहे सेक्‍स करते हुए देखें, या फिर यौन संबंध स्‍थापित करते हुए। चाहे ही आप सेक्‍स के चरम तक पहुंच जाए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यदि आप इस प्रकार के सपनों से वाकई में बहुत परेशान हैं, तो आप चिकित्‍सक की सलाह ले सकते हैं। हालांकि इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारण ज्‍यादा प्रभावी होते हैं, न कि शारीरिक। यही कारण है कि किशोरावस्‍था पूरी करने के बाद अपने आप ही गीले सपने आना बंद हो जाते हैं। उसका मुख्‍य कारण यही है कि आमतौर पर व्‍यक्ति इस अवस्‍था में ही सेक्‍स के बारे में सबसे ज्‍यादा सोचता है और आकर्षित होता है। जब जिम्‍मेदारियां बढ़ती हैं और ध्‍यान दूसरी ओर लग जाता है, तो अपने आप ऐसी प्रतिक्रियाएं बंद हो जाती हैं।

शुक्रवार, 21 जुलाई 2017

Motivational story


एक बडी कंपनी के गेट के सामने एक प्रसिद्ध समोसे की दुकान थी, लंच टाइम मे अक्सर कंपनी के कर्मचारी वहाँ आकर समोसे खाया करते थे। एक दिन कंपनी के एक मैनेजर समोसे खाते खाते समोसेवाले से मजाक के मूड मे आ गये। मैनेजर साहब ने समोसेवाले से कहा, "यार गोपाल, तुम्हारी दुकान तुमने बहुत अच्छे से maintain की है, लेकीन क्या तुम्हे नही लगता के तुम अपना समय और टैलेंट समोसे बेचकर बर्बाद कर रहे हो.? सोचो अगर तुम मेरी तरह इस कंपनी मे काम कर रहे होते तो आज कहा होते.. हो सकता है शायद तुम भी आज मैंनेजर होते मेरी तरह.." इस बात पर समोसेवाले गोपाल ने बडा सोचा, और बोला, " सर ये मेरा काम अापके काम से कही बेहतर है, 10 साल पहले जब मै टोकरी मे समोसे बेचता था तभी आपकी जाॅब लगी थी, तब मै महीना हजार रुपये कमाता था और आपकी पगार थी १० हजार। इन 10 सालो मे हम दोनो ने खूब मेहनत की.. आप सुपरवाइजर से मॅनेजर बन गये. और मै टोकरी से इस प्रसिद्ध दुकान तक पहुँच गया. आज आप महीना ५०,००० कमाते है और मै महीना २,००,००० लेकिन इस बात के लिए मै मेरे काम को आपके काम से बेहतर नही कह रहा हूँ। ये तो मै बच्चों के कारण कह रहा हूँ। जरा सोचिए सर मैने तो बहुत कम कमाई पर धंधा शुरू किया था, मगर मेरे बेटे को यह सब नही झेलना पडेगा। मेरी दुकान मेरे बेटे को मिलेगी, मैने जिंदगी मे जो मेहनत की है, वो उसका लाभ मेरे बच्चे उठाएंगे। जबकी आपकी जिंदगी भर की मेहनत का लाभ आपके मालिक के बच्चे उठाएंगे। अब आपके बेटे को आप डाइरेक्टली अपनी पोस्ट पर तो नही बिठा सकते ना.. उसे भी आपकी ही तरह जीरो से शुरूआत करनी पडेगी.. और अपने कार्यकाल के अंत मे वही पहुच जाएगा जहाँ अभी आप हो। जबकी मेरा बेटा बिजनेस को यहा से और आगे ले जाएगा.. और अपने कार्यकाल मे हम सबसे बहुत आगे निकल जाएगा.. अब आप ही बताइये किसका समय और टैलेंट बर्बाद हो रहा है ?" मैनेजर साहब ने समोसेवाले को २ समोसे के २० रुपये दिये और बिना कुछ बोले वहाँ से खिसक लिये.......

मंगलवार, 18 जुलाई 2017

Mohd Javed Swimmer


राहें बदले या बदले वक्त, हम तो अपनी मँजिल पायेंगे, जो समझते है खुद को बादशाह, एकदिन उसे अपने दरबार में जरूर नचायेगे।।।

रविवार, 16 जुलाई 2017

Real & important story


रुला देगी ये स्टोरी जरूर पढ़ें। story अच्छी लगे तो जरूर like करे Plz Read: वह एक गरीब लड़की थी। उसके पिता किसी दुकान पर मजदूरी करते थे और मां घरों में चौका बरतन। वह अपने मां-बाप की इकलौती लड़की थी, इसलिए उन्होंने उसे बड़े लाड प्यार से पाला था। वे चाहते थे कि वह पढ़ लिख कर बड़ी आदमी बने, जिससे उसे गरीबी में दिन न गुजारने पड़ें। जब उसने गांव के स्कूल से 10वीं का इक्ज़ाम पास किया, तो बहुत खुश हुई। मां-बात ने किसी तरह पैसोें का जुगाड़ करके गांव से 8 किमी0 दूर के कस्बे में उसका इंटर कॉलेज में नाम लिखा दिया। वह साइकिल से स्कूल जाने लगी। इस तरह से उसकी जिंदगी आगे बढ़ने लगी। लेकिन एक दिन उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ आया। स्कूल से निकलते वक्त एक लड़का बाइक लेकर उसके पास आया और धीरे से बोला- अगर आप बुरा न मानें तो मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं। लड़की उस लड़के को अक्सर रास्ते में देखा करती थी। जब भी वह स्कूल आती और स्कूल से जाती, वह लड़का सडक के किनारे खड़ा उसे निहारा करता। पहले शुरू में तो उसे यह सब अच्छा नहीं लगा, लेकिन धीरे-धीरे वह भी उसे अच्छा लगने लगा था। इसलिए जब उस लड़के ने कहने की अनुमति मांगी, तो उसने धीरे से सिर हिलाकर अनुमति दे दी। उस लड़के ने अपनी शर्ट की जेब से एक गुलाब की कली निकाल कर उसके हाथ में रख दी और उसकी मुटठी बंद करते हुए बोला- ''मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। उठते-बैठते, सोते जगते हर समय बस तुम्हारे बारे में सोचा करता हूं। मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है....'' लड़का और भी बहुत कुछ कहना चाहता था, पर लड़की ने धीरे से उसके होठों पर अपना हाथ रख कर उसके प्यार का इकरार कर लिया। इस तरह उन दोनों में बात-चीत की शुरूआत हो गयी। लड़का रोज उसके लिए कोई न कोई गिफ्ट लाता और उसके लिए जीने मरने की कसमें खाता। उसकी बातें सुनकर लड़की दीवानी हो जाती और ख्वाबों की दुनिया में खो जाती। एक दिन वह लड़का उस लड़की को अपनी बाइक पर घुमाने ले गया। दोनों लोग नदी के किनारे पहुंचें और घास पर बैठ कर बातें करने लगे। लेकिन लड़के की मंशा तो कुछ और थी। लेकिन प्यार में अंधी हो चुकी वह लड़की उसकी मंशा समझ नहीं पाई और उसने अपने आप को लड़के के हवाले कर दिया। दोनों लोग एक दूसरे के प्यार में ऐसे खोए कि दो जिस्म एक जान हो गये। लेकिन न जाने कहां से वहां पर तीन लड़के आ गये। उन्हें देखकर लड़की हक्का-बक्का रह गयी और अपने कपड़े सही करने लगी। यह देख कर एक लड़का उसका हाथ पकड़ता हुआ बोला- इतनी भी क्या जल्दी है मेरी रानी, हम भी तो तुम्हारे दिवाने हैं। थोड़ा हमारा भी तो मनोरंजन कर दो। लडकी ने अपने प्रेमी से मदद मांगी। मगर वह यह सब देखकर हंसता रहा। यह देख कर लड़की का हृदय धक्क से रह गया। यानी कि यह सब इसकी चाल थी? आगे लड़की कुछ सोच ही नहीं पाई। क्योंकि वे तीनों लड़के उसके शरीर पर भूखे भेडिए की तरह टूट पड़े और अपनी हवस की आग बुझाते रहे। वह लड़की मदद के लिए चिल्लाती रही और वे उसे नोचते-घसोटते चले। लगभग एक घंटे के बाद लड़की को होश आया, तो उसने अपने आपको नंग-धडंग पाया। वे तीनों लड़के और उसका प्रेमी वहां से जा चुके थे। लड़की की आंखों के आगे अंधेरा छा रहा था। उसकी दुनिया अंधेरे से भर चुकी थी। उसे अपना जीवन समाप्त होता हुआ लग रहा था। वह सोचती रही कि क्यों उसने उस बेवफा लड़के की बातों पर ऐतबार किया। क्यों मैं उसके साथ यहां पर आई। अब मैं क्या मुंह लेकर अपने घर जाऊंगी। अपने मां-बाप को क्या बताऊंगी। मेरा ये हाल देखकर वे तो जीतेजी मर जाएंगे। लड़की का गला बुरी तरह से सूख रहा था। वह किस तरह घिसटती हुई नदी के किनारे पहुंची। नदी का पानी कल-कल करता हुआ तेजी से बह रहा था। लड़की ने एक बार फिर अपने मजबूर मां-बाप, अपने बेवफा प्रेमी के बारे में सोचा और फिर नदी में छलांग लगा दी। अगले ही पल वह नदी में डूबने उतराने लगी। लेकिन अब न तो वह किसी को अपनी जान बचाने के लिए पुकार रही थी और न ही बचने के लिए संघर्ष कर रही थी। उसका मन ठहरे हुए जल की शांत था। वह भी अपने बेवफा प्रेमी के बारे में सोच रही थी कि क्यों उसने उसकी बातों पर इस तरह से ऐतबार कर लिया, क्यों मैंने उससे अंधा प्यार किया, क्यों मैंने उसके प्यार को जरूरत नहीं समझी? अगर मैं ऐसा कर पाती, तो शायद..... और फिर वह नदी की गहराई में डूबती चली गयी। दोस्तो किसी से प्यार करना, किसी पर ऐतबार करना बुरा नहीं है, लेकिन जज्बातों को पहचानने की क्षमता भी रखिए। किसी को अपना तन-मन सौंपने से पहले उसके परिणामों के बारे में भी जरूर सोचिए। नहीं तो आप भी धोखा खा सकते हैं, आप भी ठगे जा सकते हैं। स्टोरी अच्छी लगे तो plz> ..पेज जरूर like करे.. आपको यह कहानी कैसी लगी, हमें जरुर बताएं। और इसे शेयर करके अपने दोस्तों तक भी पहुंचाए। हो सकता है कि आपके इस प्रयास से किसी का जीवन संवर जाए।

शनिवार, 24 जून 2017

(IAS) Optional Subjects Syllabus: (Law)


Paper-II Law of Crimes 1. General principles of criminal liability: Mens rea and actus reus, mens rea in statutory offences. 2. Kinds of punishment and emerging trends as to abolition of capital punishment. 3. Preparation and criminal attempt. 4. General exceptions. 5. Joint and constructive liability. 6. Abetment. 7. Criminal conspiracy. 8. Offences against the State. 9. Offences against public tranquility. 10. Offences against human body. 11. Offences against property. 12. Offences against women. 13. Defamation. 14. Prevention of Corruption Act, 1988. 15. Protection of Civil Rights Act 1955 and subsequent legislative developments. 16. Plea bargaining. Law of Torts 1. Nature and definition. 2. Liability based upon fault and strict liability; Absolute liability. 3. Vicarious liability including State liability. 4. General defences. 5. Joint tort feasors. 6. Remedies. 7. Negligence. 8. Defamation. 9. Nuisance. 10. Conspiracy. 11. False imprisonment. 12. Malicious prosecution. 13. Consumer Protection Act, 1986. Law of Contracts and Mercantile Law 1. Nature and formation of contract/E-contract. 2. Factors vitiating free consent. 3. Void, voidable, illegal and unenforceable agreements. 4. Performance and discharge of contracts. 5. Quasi- Contracts. 6. Consequences of breach of contract. 7. Contract of indemnity, guarantee and insurance. 8. Contract of agency. 9. Sale of goods and hire purchase. 10. Formation and dissolution of partnership. 11. Negotiable Instruments Act, 1881. 12. Arbitration and Conciliation Act, 1996. 13. Standard form contracts. Contemporary Legal Developments 1. Public Interest Litigation. 2. Intellectual property rights – Concept, types/prospects. 3. Information Technology Law including Cyber Laws – Concept, purpose/prospects. 4. Competition Law- Concept, purpose/ prospects. 5. Alternate Dispute Resolution – Concept, types/prospects. 6. Major statutes concerning environmental law. 7. Right to Information Act. 8. Trial by media. Suggested Reading: Indian Penal Code -- Atchuthen Pillai -- Ratanlal Dhiraj Lal Law of Tort -- Atchuthen Pillai -- R.K. Bangia -- Winfield Constitutional Law -- V.N. Shukla -- S.K. Kapoor -- J.N. Pandey Merchantile Law -- R.K. Bangia -- Avatar Singh -- Pollack and Mulla Jurisprudence -- P.K. Tripathi -- Dias

(IAS) Optional Subjects Syllabus: (Law)


Law Mains Syllabus Paper-I Constitutional and Administrative Law 1. Constitution and Constitutionalism: The distinctive features of the Constitution. 2. Fundamental rights - Public interest litigation; Legal Aid; Legal services authority. 3. Relationship between fundamental rights, directive principles and fundamental duties. 4. Constitutional position of the President and relation with the Council of Ministers. 5. Governor and his powers. 6. Supreme Court and High Courts: (a) Appointments and transfer. (b) Powers, functions and jurisdiction. 7. Centre, States and local bodies: (a) Distribution of legislative powers between the Union and the States. (b) Local bodies. (c) Administrative relationship among Union, State and Local Bodies. (d) Eminent domain - State property - common property - community property. 8. Legislative powers, privileges and immunities. 9. Services under the Union and the States: (a) Recruitment and conditions of services; Constitutional safeguards; Administrative tribunals. (b) Union Public Service Commission and State Public Service Commissions - Power and functions (c) Election Commission - Power and functions. 10. Emergency provisions. 11. Amendment of the Constitution. 12. Principles of natural justice - Emerging trends and judicial approach. 13. Delegated legislation and its constitutionality. 14. Separation of powers and constitutional governance. 15. Judicial review of administrative action. 16. Ombudsman: Lokayukta, Lokpal etc. International Law 1. Nature and definition of international law. 2. Relationship between international law and municipal law. 3. State recognition and state succession. 4. Law of the sea: Inland waters, territorial sea, contiguous zone, continental shelf, exclusive economic zone, high seas. 5. Individuals: Nationality, statelessness; Human rights and procedures available for their enforcement. 6. Territorial jurisdiction of States, extradition and asylum. 7. Treaties: Formation, application, termination and reservation. 8. United Nations: Its principal organs, powers, functions and reform. 9. Peaceful settlement of disputes - different modes. 10. Lawful recourse to force: aggression, self-defence, intervention. 11. Fundamental principles of international humanitarian law - International conventions and contemporary developments. 12. Legality of the use of nuclear weapons; ban on testing of nuclear weapons; Nuclear - non proliferation treaty, CTBT. 13. International terrorism, state sponsored terrorism, hijacking, international criminal court. 14. New international economic order and monetary law: WTO, TRIPS, GATT, IMF, World Bank. 15. Protection and improvement of the human environment: International efforts.

गुरुवार, 22 जून 2017

एलएलबी की पुरी जानकारी


LLB – Bachelor of Laws / विधि स्नातक Bachelor of Laws एक प्रकार की शैक्षणिक योग्यता है या इसे आप कह सकते है की ये कानून में स्नातक की डिग्री है | Bachelor of Laws को Latin भाषा में Legum Baccalaureus कहा जाता है इसकी उत्पत्ति England में हुई | इस डिग्री के अंतर्गत विद्यार्थियों (students) को कानून व्यवस्था (Law & Order) की सारी जानकारी डी जाती है और कानून व्यवस्था के बारे में बतलाया जाता है | पाठ्यक्रम की अवधि / Course Duration पहली LLB की पढाई 3 साल की होती थी परन्तु अब इसकी पढाई 3 साल(LLB) और 5 साल(BA LLB) के time duration में होती है | योग्यता / Eligibility अगर आप 5 साल का BA LLB course करना चाहते है तो आपको कम से कम किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से इंटरमिडीएट(+2) 45% अंक के साथ पास होना अनिवार्य है और अगर आप 3 साल का LLB course करना चाहते है तो आप किसी भी विषय में 45% अंक के साथ स्नातक (Graduation) पास होना अनिवार्य है | अगर आप LLB में अच्छा अंक पते है और उसे गहन के साथ अध्यन करते है तो आप graduation के बाद ही किसी CA या Lawyer के अन्दर काम कर सकते हैं | और साथ ही साथ आप LLM (Master degree) की तैयारी कर सकते हैं |

शुक्रवार, 2 जून 2017

Mohd Javed swimmer


I love you MOM 
अपनी ज़ुबान कि तेज़ी ऊस मॉ पर मत आज़मा, 
जीसने तुम्हे बचपन मे बोलना सिखाया।

Mohd Javed swimmer


इस्लाम ने औरतो को कैद नहीं किया है बल्की हवसं परसतो की निगाहो से मेहफुज़ किया है

गुरुवार, 23 मार्च 2017

I proud to be an Indian Muslim

हम मुसलमानो के हांथो... शहनाई थमा दो तो हम *बिस्मिल्लाह खान* बन जाते हैं। हमारे हांथो मे तबला थमा दो तो हम *जाकिर हुसैन* बनजाते हैं, हमारे हांथो म्यूजिक थमा दो तो हम आस्कर वीजेता ए. आर. *रहमान* बन जाते हैं हमारे हांथो में कंही दिलकश अदाकारी थमा दी जाती है तो युसूफ *दिलीपकुमार* बन जाते है। हमारी दिलकश आवाज देश की शान *मुहम्मद रफी* बन जाते हे। हमारे हाँथ टेनिस रैकेट थमा दो तो *सानिया मिर्ज़ा* बन जाती हैं हमारे हाँथ साइंस थमा दो तो हम *अब्दुल कलाम* बन जाते हैं, वतन का जज्बा थमा दिया तो *अशफाक़उल्ला* तो कही *अब्दुलहमीद* बन जाते हे , क्या हर बात की शहादत दे ये हजारो दीन के उलेमा कुर्बान हुए जंगे आजादी में , हमे अव्वल रहने की आदत है हमारे कदम लड़खड़ाए तो हम *हाजी मस्तान* भी बन गये है, हमे तालीम चाहिए हम जालिम नही हैं , हमे रोजगार दे दो हम हुनर-मंद हैं , हम मरकजे इल्म है, हमे दहशतगर्द मत समझो इस जमीं पर सजदा भी हम पाक होकर करते हे, मर कर भी इस ख़ाके वतन की मिटटी में हम पाक ही दफ्न होंगे कुरान का सिखाया हुआ हर लफ्ज रवां हे, उस पर हर मुसलमान का ईमान पक्का हे मरते मर जायंगे ये पर वतन से गद्दारी नही करेंगे , ये सच्चे मुस्लमानों का वादा है और दावा है *गर्व करिये की हम भारतीय मुसलमान है...*

बुधवार, 8 मार्च 2017

राष्ट्रीय गान का मतलब हिंदी मे


*जानिए क्या है हमारे राष्ट्रगान जन गण मन...का मतलब..* *शब्द अंग्रेजी हिंदी* जन= People= लोग गण= Group= समूह मन= Mind = दिमाग अधिनायक= Leader= नेता जय हे= Victory= जीत भारत= India= भारत भाग्य= Destiny= किस्मत जय हे= Victory= जीत भारत= India= भारत भाग्य= Destiny= किस्मत विधाता= Disposer= ऊपरवाला पंजाब= Punjab= पंजाब सिंधु= Sindhu = सिंधु गुजरात= Gujarat= गुजरात मराठा= Maratha= मराठा (महाराष्ट्र) द्रविण= South= दक्षिण उत्कल= Orissa= उड़िसा बंगा= Bengal= बंगाल विंध्य= Vindhyas= विन्धयाचल हिमाचल= Himalay= हिमालय यमुना= Yamuna = यमुना गंगा= Ganges = गंगा उच्छलय= Moving= गतिमान जलधि= Ocean = समुद्र तरंगा= Waves = लहरें (धाराएं) तब = Your = तुम्हारा शुभ = Auspicious = मंगल नामे = name = नाम जागे= Awaken = जागो तब = Your = तुम्हारा शुभ = Auspicious = मंगल आशीष= Blessings = आशीर्वाद मांगे = Ask = पूछो गाहे = Gaahe = गाओ तब = Your = तुम्हारी जय = Victory = जीत गाथा = Song = गीत जन = People = लोग गण = Group = समूह मंगल = Fortune = भाग्य दायक = Giver = दाता जय हे = Victory Be = जीत भारत = India = हिंदुस्तान भाग्य = Destiny = किस्मत विधाता = Dispenser= ऊपर वाला जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे.= Victory, Victory, Victory, Victory Forever = विजय, विजय, विजय, विजय हमेशा के लिए ... जय हिंद = JAIHIND. अगर आपको ये जानकारी पसंद आये तो लाइक और शेयर करना ना भूले ... आपका जावेद धन्यवाद !!!

Women's day special


हमेशा स्त्रीयो का सम्मान करे ना कि सिर्फ (woman's day)पर Facebook पर, अच्छा सा स्टेटस अपडेट करना जरूरी नही हैा जरूरी है उनका सम्मान उनकी इज़ज़त करना

सोमवार, 27 फ़रवरी 2017


दुआएँ 😘 जमा करने में लगा हूँ साहब 👦, सुना है दौलत 💵 और शोहरत 👑 साथ नही जाते. Mohd Javed swimmer

Feke News

फेक न्यूज़ का जो पूरी तरह शिकार हो जाता हैं तंदुरुस्त होने के बावजूद भी बीमार हो जाता हैं