बुधवार, 1 अगस्त 2018

न्यायालयों की शक्ति


न्यायालयों की शक्ति न्यायालय जिनके द्वारा अपराध विचारणीय है-- इस सहिंता के अन्य उपबंधों के अधीन हुए-- 【क】 भारतीय दंड संहिता, [1860 का 45] अधीन किसी अपराध का विचारण-- 【1】 उच्च न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, या 【2】 सेशन न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, या 【3】 किसी अन्य ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसके द्वारा उसका विचारणीय होना प्रथम अनुसूची में दर्शित किया गया है | 【परन्तु भारतीय दंड संहिता [1860 का 45] की धारा 376 और धारा 376क से 376घ तक के अधीन किए अपराध का विचारण यथासाध्य उस न्यायालय द्वारा किया गया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता महिला द्वारा की जाये |】 【ख】 किसी अन्य विधि के अधीन किसी अपराध का विचारण, जब उस विधि में इस निमित्त कोई न्यायालय उल्लेखित नही है, तब-- 【1】 उच्च न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, या 【2】 किसी अन्य न्यायालय द्वारा किया जा सकता हैं जिसके द्वारा उसका विचारणीय होना प्रथम अनुसूची में दर्शित किया गया है __________________________________ राज्य संशोधन __________________________________ उत्तर प्रदेश- खण्ड (ख) के लिए निम्न खण्ड को प्रतिस्थापित करें-- 【ख】 किसी अन्य विधि के अधीन किसी अपराध का विचारण; 【1】 जब ऐसी विधि में इसके लिए किसी न्यायालय का उल्लेख है, तब ऐसे न्यायालय द्वारा या ऐसे न्यायालय से श्रेणी में उच्चतर किसी न्यायालय द्वारा, और 【2】 जब इस प्रकार किसी न्यायालय का उल्लेख नही है, तब किसी न्यायालय द्वारा, जिसके द्वारा ऐसा अपराध प्रथम अनुसूची में विचारणीय होना दर्शित किया जाता है, या ऐसे न्यायालय से श्रेणी में उच्चतर किसी न्यायालय, द्वारा किया जा सकेगा

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