गुरुवार, 26 जुलाई 2018

कौन है (तजुशशरिया) हुज़ूर अज़हरी मियां??

जानिए कौन हैं ताजुश्शरिया उर्फ अज़हरी मियां ?? ☆हुजूर ताजुश्शरिया अल्लामा #मुफ्ती_मुहम्मद_अख्तर_रज़ा_खाँ, आला हजरत ईमाम अहले सुन्नत अहमद रजां फाज़िले बरेलवी के #पर_पोते हैं। ☆आप हुज्जतुल इस्लाम हज़रत हामिद रजां खां के #सगे_पोते और हुजुर मुफ्ती आजम हिंद अल्लामा मुस्तफा रजा खां के #सगे_नवासे हैं। ☆आप ने इस्लामी दुनिया की सबसे प्राचीन और बड़ी विश्वविद्यालय जामिया #अल़अज़हर काहिरा (मिश्र) से तालीम हासिल की। अपने बेहतरीन तालीमी रिकॉर्ड और यूनिवर्सिटी टॉप करने पर मिस्र के राष्ट्रपति कर्नल अब्दुल नासिर के हाथों " #फकरे_अज़हर ʼʼ अवार्ड दिया गया इसीलिए आपके नाम के आगे #अज़हरी लिखा जाता है। ☆आप ने अरबी, उर्दू, अग्रेंजी, फारसी में #इस्लामिक_फिक्ह (islamic jurisprudence) तर बहुत सारी किताबें लिखी और बहुत सारी किताबों का तर्जुमा भी किया। ☆आप ने इश्के मुस्तफा से लबरेज़ नातिया दिवान #सफीना_ए_बख्शिस लिखी जिसमें उर्दू अरबी भाषाओं में नातिया कलाम व मन्कबतें हैं। ☆शरीयते इस्लामिया की हिफाज़त की अज़ीम खिदमत की वजह आपको 'शरीयत के ताजʼ का लकब "#ताजुश्शरियाʼʼ दिया गया। ☆आप की प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जॉर्डन की राजधानी ओमान के रॉयल स्टडीज़ सेंटर से हर साल जारी होने वाली दुनिया के 500 प्रभावशाली मुसलमानों की लिस्ट में आप #टाॅप22 शख्सियत में शामिल रहे। जबकि भारत की तरफ से प्रभावशाली शख्सियत में आप #पहले_नंबर पर हैं । ☆दुनिया भर में आपके #20_करोड़ से ज्यादा मुरीद हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मिस्र, मॉरिशस, दक्षिण अफ्रीका अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय और अरब देशों में फैले हुए हैं।। ☆आप ने #6_हज और अन-गिनत बार #उमरा अदा किए इसीलिए आपको '#मेहमान ए काबाʼ के नाम से भी याद किया जाता है। ☆आप सिलसिले #कादरिया के अज़ीम बुजुर्ग #सूफी_परंपरा के प्रचारक थे। ☆आपको मुफ्ती-ए-आज़म फिल-हिंद, काजी उल कुज़्ज़ा फिल-हिंद ,जाँ-नशीन ए मुफ़्ती आज़म और नबीरे आला हजऱत की उपाधि से नवाजा गया । ☆आपको 36 से ज्यादा उलूम (Educational subjects) पर महारत हासिल थी। ☆आपको उर्दू अरबी फारसी अंग्रेजी के अलावा 11 मज़ीद भाषाओं का ईल्म था। ☆आपको आपके नाना हुजूर मुफ्ती ए आजम मुस्तफा रज़ा खान, वालिदे मोहतरम मुफ्ती मोहम्मद इब्राहिम राजा खान के अलावा हज़रत मौलाना बुराहान उल हक जबलपुर, हजरत मौलाना मोहम्मद आले मुस्तफा बरकाती सय्यद हसन हैदर बरकाती माहरैरा शरीफ से भी सिलसिला कादरिया में खिलाफत व इजाज़त हासिल थी । ☆आपने मरकजी दारुल इफ्ता, मरकजी दारुल कज़ा, शरई काउंसिल ऑफ इंडिया, जामियातुर रजा इस्लामिक यूनिवर्सिटी की स्थापना की। ☆आप आल इंडिया जमात ए रज़ा-ऐ-मुस्तफा बरेली शरीफ, आल इंडिया सुन्नी जामियातुल उलमा और इमाम अहमद रज़ा ट्रस्ट के सरपरस्त रहे। ☆आप के विसाल पर दुनियाभर से ताज़ियत भरे पैगाम आए। जिनमें तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान, अमीर दावत-ए-इस्लामी मौलाना इलियास अत्तार कादरी, प्रोफेसर अमीन मियाँ बरकाती, मशहूर नातखाँ ओवैस रजा कादरी, पीर साकिब शामी, हज़रत साकिब रज़ा मुस्तफाई शेख अबू बकर (केरल), अमीरे सुन्नी दावते इस्लामी मौलाना शाकिर अली नूरी (मुम्बई), मुफ्ती निजामुद्दीन मिस्बाही (अल जामियातुल अशरफिया) ने खूसूसी ताज़ियत फरमाई। ☆आपके नमाज-ए-जनाजा में देशभर के सभी राज्यों से समेत दुनिया भर के #127_मुल्कों से मुरीदीन और अकीदतमन्दों ने शिरकत की जिनकी तादाद करीब 1.25 करोड़ से ज्यादा रही। ☆ आपका की वफ़ात दुनिया ए सुन्नियत के लिए अज़ीम खासारा है जिसकी भरपाई नामुमकिन है। "अल्लाह अज़्ज़ावजल की इन पर रहमत हो और इनके सदके हमारी मग्फिरत होʼʼ। आमीन।।

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