मंगलवार, 31 जुलाई 2018

औरत का मर्तबा इस्लाम में क्या है


यूनानी कहते हैं कि औरत सांप से ज़्यादा ख़तरनाक है, सक़रात का कहना था कि औरतों से ज़्यादा और कोई चीज़ दुनिया में फ़ितना और फ़साद कि नहीं, बोना विट्यूकर का क़ौल है कि औरत उस बिच्छू के मानिंद है जो डंक मारने पर तुला रहता है, योहना का क़ौल है कि औरत शर की बेटी है और अम्न व सलामती की दुश्मन है, रोमन कैथोलिक फ़िरक़ा के तालीमात की हिसाब से औरत कलाम-ए-मुक़द्दस को छू नहीं सकती और औरत को गिरजाघर में दाखिल होने की इजाज़त नहीं है, ईसाईयों की सबसे बड़ी हुकूमत रोम में औरतों की हालत लौंडियों से भी बदतर थी, उनसे जानवरों की तरह काम लिया जाता था, यूरोप के बहादुर तरीन औरत जोन ऑफ आर्क को जिंदा जला दिया गया था, ज़मान-ए-जाहिलियत के वक़्त अरबों में औरतों को शायरी में खूब ज़लील और रुस्वा किया जाता था, और लड़कियों के पैदा होने पर उनको जिंदा दफ़्न कर दिया करते थे, लेकिन मुहसिन-ए-इंसानियत, ग़रीबों के ग़मख़्वार, दोनों आलम के रहमत हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के औरतों के बारे में इरशादात पर ग़ौर फरमाइए.... "क़यामत के दिन सबसे पहले मैं जन्नत का दरवाज़ा खोलूंगा तो देखूंगा कि एक औरत मुझसे पहले अंदर जाना चाहती है तो मैं उससे पूछूंगा कि तू कौन है? वो कहेगी मैं एक बेवा औरत हूँ मेरे चंद यतीम बच्चे हैं" "जिस औरत ने अपने रब की इताअत की और शौहर का हक़ अदा किया और शौहर की खूबियां बयान करती है, और उसके जान व माल में ख्यानत नहीं करती है, तो जन्नत में ऐसी औरत और शहीद का एक दर्जा होगा" "जो औरत ज़ी-मर्तबा और खूबसूरत होने के बावजूद अपने यतीम बच्चों की तरबियत व परवरिश की खातिर निकाह ना करे वो औरत क़यामत के दिन मेरे करीब मिस्ल इन दो उँगलियों के बराबर है" "जिस औरत ने निकाह किया, फ़रायज़ अदा किए और गुनाहों से परहेज़ किया उसको नफ़्ली इबादात का सवाब, खिदमत-ए-शौहर, परवरिश-ए-औलाद और उमूर खानादारी से मिलेगा....💝💝

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Feke News

फेक न्यूज़ का जो पूरी तरह शिकार हो जाता हैं तंदुरुस्त होने के बावजूद भी बीमार हो जाता हैं