कैसे मामलों में और किन लोगों को निःशुल्क क़ानूनी सहायता नहीं दी जाएगी?
■निम्नलिखित मामलों में क़ानूनी सहायता नहीं मिलेगी;
●मानहानि, द्वेषपूर्ण अभियोजन, अदालत की अवमानना, झूठे साक्ष्य इत्यादि पर आधारित मामले।
●किसी भी चुनाव से सम्बंधित कोई कार्यवाही।
ऐसे मामले जहाँ पर दण्ड की आर्थिक राशि 50 /- रुपये से कम है।
●ऐसे अपराध के मामले जो कि आर्थिक और सामाजिक क़ानून के ख़िलाफ़ हैं। जैसे की ATM से पैसे चोरी करना, राज्य सम्पदा को नुकसान पहुँचना इत्यादि।
●आवेदक व्यक्ति मामले से सम्बंधित ही नहीं हैं।
■निम्नलिखित श्रेणी में आने वाले व्यक्ति को क़ानूनी सहायता नहीं दी जाएगी, और अगर दी जा रही है तो वापस ले ली जाएगी;
●ऐसा व्यक्ति जो कि खुद से सक्षम है और पात्रता मानक को पूरा नहीं करता।
●ऐसा व्यक्ति जिसके आवेदन पत्र में ऐसा कोई तथ्य नहीं है, जिससे कि उसको सहायता दी जाये।
●ऐसा व्यक्ति जो कि गलत तरीके से जैसे दस्तावेज़ में धोखाधड़ी करके निःशुल्क सहायता प्राप्त करना चाहता हो।
●आवेदक द्वारा अधिवक्ता के साथ लापरवाही करना व ग़लत तरीके से पेश आना। आवेदक द्वारा दूसरे वक़ील से मदद लेना।
●आवेदक की मृत्यु हो जाना। लेकिन अगर मामला सिविल है तब उसके उत्तराधिकारी को क़ानूनी सहायता दी जाएगी।
●ऐसी कार्यवाही जो कि क़ानून व क़ानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल सिद्ध हो।
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