रविवार, 27 जनवरी 2019

अब आप कर सकते है अपने घर बैठे मोबाइल फ़ोन से FIR


अब एप से दर्ज कराएं ई-एफआईआर, पुलिस ने लांच किया ‘यूपी कॉप एप’ UPCOP UPCOP गाड़ियों की चोरी, लूट की घटनाएं, मोबाइल स्नैचिंग, बच्चों की गुमशुदगी और साइबर अपराध से जुड़े मामलों में अब यूपी पुलिस के मोबाइल एप्लीकेशन ‘यूपी कॉप एप’ के माध्यम से अज्ञात के खिलाफ ई-एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। विज्ञापन लोग किसी सामान या दस्तावेज के गुम हो जाने की सूचना भी एप के माध्यम से दर्ज करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें थानों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। डीजीपी ओमप्रकाश सिंह के निर्देश पर ‘यूपी कॉप एप’ आमजन के लिए उपलब्ध कराने के साथ ही फीडबैक भी मांगा गया है। एप को तैयार करने वाले एडीजी तकनीकी सेवा आशुतोष पांडेय ने बताया कि इन मामलों में पीड़ित को थानों के चक्कर लगाने होते हैं और समय से एफआईआर दर्ज न होने पर भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में इन मामलों की त्वरित एफआईआर की सुविधा शुरू की गई है। संबंधित पुलिस कार्मिकों के डिजिटल हस्ताक्षर के साथ पीड़ित को एफआईआर की कॉपी उसके ई-मेल पर उपलब्ध करा दी जाएगी। पांडेय का दावा है कि एप के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा देने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। साइबर अपराध की फौरन शिकायत पर तीन दिन में खाते में आएगा पैसा एडीजी ने बताया कि आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसी बैंक खाते से हुए फ्रॉड के मामले में तत्काल शिकायत मिलने पर तीन दिन के अंदर संबंधित व्यक्ति के खाते में राशि रिफंड करने की बाध्यता है। कई बार थाने के कार्यक्षेत्र (इंटरनेट के जरिए फ्रॉड होने के कारण) के विवाद को लेकर तीन दिन के अंदर एफआईआर ही दर्ज नहीं हो पाती। ऐसे में यह एप काफी उपयोगी साबित होगा। इससे न सिर्फ एफआईआर फौरन दर्ज की जाएगी बल्कि बैंक को भी इसकी एक कॉपी भेज दी जाएगी ताकि तीन दिन के अंदर पीड़ित को रिफंड मिल सके। साइबर अपराध के प्रति जागरूक कर रहा एप इस एप पर ई-सुरक्षा के लिए पूरी गाइडलाइन भी उपलब्ध होगी। इसमें एटीएम कार्ड, वन टाइम पासवर्ड, फर्जी फोन कॉल के जरिए होने वाले फ्रॉड को लेकर किस तरह सचेत रहें, यह बताया गया है। एटीएम बूथ में किस तरह की सावधानी बरती जाए, एटीएम से पेमेंट करते समय खास सावधानी बरतने समेत 26 तरह से होने वाले साइबर अपराधों से बचाव के बारे में बताया गया है। एप पर आरबीआई की गाइडलाइन भी दी गई है जिसमें सेफ डिजिटल बैंकिंग और उपभोक्ता की जिम्मेदारी की जानकारी दी गई है। आपके मोबाइल में पूरा थाना इस एप के जरिए एक आम नागरिक भी बीते 24 घंटे में किसी जिले या थानाक्षेत्र में हुई गिरफ्तारी का विवरण देख सकता है। साथ ही बीते 24 घंटे में दर्ज साइबर अपराध से संबंधित अंतिम 10 एफआईआर भी देखी जा सकती हैं, ताकि पता चल सके कि साइबर क्राइम से संबंधित किस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं इनामी बदमाशों, जिला बदर अपराधियों और गुंडा एक्ट के मामलों की सूची भी एप पर उपलब्ध है। थाने, क्षेत्राधिकारी या एसपी के मोबाइल नंबर भी इस एप के ‘कॉल अस बटन’ पर उपलब्ध हैं। अगर आप लांग ड्राइव पर हैं तो यह एप दुर्घटना बहुल क्षेत्र के बारे में भी जानकारी देगा। इसके अलावा किसी तरह की सूचना पुलिस से साझा करने का विकल्प भी इस एप पर है, जहां आपकी पहचान को गोपनीय रखा जाएगा। मोबाइल बताएगा घटनास्थल से थाने की दूरी यदि किसी के साथ किसी अनजान जगह पर कोई घटना होती है, तो उसे थाने का पता और रास्ता भी यह एप बताएगा। इसके लिए जियोफेंसिंग की मदद ली गई है। इसे हर थानाक्षेत्र की सीमा को चिह्नित करके तैयार किया गया है। इसके लिए रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर लखनऊ और भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशंस एंड जीओइंफॉर्मेटिक्स, गांधीनगर गुजरात की मदद ली गई है। 15 लाख रिकॉर्ड डाटाबेस के साथ यह एप देश का सबसे बड़ा एप कहा जा रहा है, जिस पर दर्ज होने वाली हर सूचना को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) से जोड़ा गया है। पुलिस से जुड़ी 27 सुविधाएं घर बैठे होंगी उपलब्ध अब पुलिस से संबंधित कुल 27 जनोपयोगी सुविधाएं हासिल करने के लिए लोगों को थानोें के चक्कर नहीं लगाने होंगे। नौकरों का सत्यापन, चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन, एम्पलाई का सत्यापन, धरना-प्रदर्शन, समारोह और फिल्म शूटिंग के लिए परमिशन भी इस एप पर मिल सकेगी। जो दस्तावेज जिलाधिकारी के यहां से जारी होते हैं, उसके लिए एप को ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से जोड़ा गया है। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को भी एप के माध्यम से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, दुर्व्यवहार की रिपोर्ट, लावारिस लाश, गुमशुदा की तलाश, चोरी गई और रिकवर हुई गाड़ियों की जानकारी भी एप पर उपलब्ध होगी। गृह मंत्रालय एप को कर चुका है पुरस्कृत गृह मंत्रालय ‘यूपी कॉप एप’ को देश का सबसे जनोपयोगी एप बताते हुए इसके लिए प्रदेश के डीजीपी ओमप्रकाश सिंह को सम्मानित भी कर चुका है। आशुतोष पांडेय ने बताया कि इस एप को पब्लिक डोमेन पर डालने के बाद बीते 24 घंटे में लगभग 51 हजार लोगों ने इसे डाउनलोड किया है। आमजन का फीडबैक देखने के बाद इसकी कमियों को दूर किया जाएगा और इसे विधिवत लॉन्च भी कराया जाएगा

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