गुलशने हिन्द को शोलों से बचाना होगा
आतिशे बुग्ज़ ओ अदावत को बुझाना होगा
हकीकत में आज़ादी का जश्न मनाने के लिए, हर दिल मे प्यार का दीप जलाना होगा
दोहरा में आर हुकूमत के रव्वये में न हो
रंग और नस्ल के भेद मिटाना होगा
याद रखनी हैं शहीदाने वतन की सीरत
सरफरोशी का हुनर हमको दिखाना होगा
हमेशा मुल्क से हो मज़बूत हम सबका रिश्ता
तेरे मेरे की जसारत को मिटाना होगा
आओं हम सभी मिल के साथ चले
हम कदम हो के ख़ज़ाओ को मिटाना होगा
मुल्क ओ मिल्लत के लिए बेहतर हो जो रास्ता जावेद वही रास्ता हम सभी को अपनाना होगा
आतिशे बुग्ज़ ओ अदावत को बुझाना होगा
हकीकत में आज़ादी का जश्न मनाने के लिए, हर दिल मे प्यार का दीप जलाना होगा
दोहरा में आर हुकूमत के रव्वये में न हो
रंग और नस्ल के भेद मिटाना होगा
याद रखनी हैं शहीदाने वतन की सीरत
सरफरोशी का हुनर हमको दिखाना होगा
हमेशा मुल्क से हो मज़बूत हम सबका रिश्ता
तेरे मेरे की जसारत को मिटाना होगा
आओं हम सभी मिल के साथ चले
हम कदम हो के ख़ज़ाओ को मिटाना होगा
मुल्क ओ मिल्लत के लिए बेहतर हो जो रास्ता जावेद वही रास्ता हम सभी को अपनाना होगा